Rajasthan: सावन के महीने में सबसे ज्यादा बिकनेवाला घेवर राजस्थान की परंपरा और विरासत का प्रतीक है, राजस्थान के सांभर जिले में घेवर का तीज के त्यौहार पर लोग खूब आनंद लेते हैं।
इसे घी, दूध, आटे और मलाई से बनाया जाता है। आमतौर पर ये मीठा और फीका दो तरह का होता है। दुकानदार बताते हैं कि त्योहार के मौके पर इसे रिश्तेदारों और दोस्तों को दिया जाता है, हालांकि राजस्थान में त्योहार के मौके पर पूजा में मिठाई के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता है।
बाजारों में पहले ये सावन के महीने में ही मिलता था। त्योहार के सीजन में इसकी मांग बढ़ जाती है। लेकिन सैलानियों की बढ़ती मांग की वजह से घेवर अब साल भर बाजारों में मिलता है। विक्रेताओ का कहना है कि “राजस्थान के फेस्टिवलों में घेवरों की पूजा होती है। ये राजा-महाराजाओं द्वारा बनाया गई मिठाई है और इसकी को हम आज तक फोलो करते आ रहे हैं। ये बिल्कुल शुद्ध घी में बनाए जा रहे हैं घेवर और इन घेवरों की पूजा करी जा जाती है मंदिरों में और फिर आपस में औरतें बांटती है इसको और फिर खाया जाता है।”
इसके साथ ही कहा कि “तीज त्योहार अपने राजस्थान का बहुत पुराना त्योहार है। बहन-बेटियों के ये सुहाग के हिसाब से बहुत मान्य होता है। जो सुहागन स्त्री होती हैं उनके लिए ये तीज का त्योहार बड़ा पर्व माना जाता है और उसमें घेवर का महत्व बहुत ज्यादा है। घेवर के बिना तीज, घंघोर सब अधूरा है। रबड़ी का घेवर, मीठा घेवर और फीके घेवर और सभी वैरायटी के शुरू से जयपुर में बनते आए हैं और अब भी बनते हैं।”