Holi 2025: होली के त्योहार से पहले राजस्थान के जयपुर में एक मुस्लिम परिवार गुलाल गोटा की मांग को पूरा करने में व्यस्त है। गुलाल गोटा लाख से बनी छोटी गोल आकार की हल्की और सजावटी गेंद होती है, इसमें सूखा रंग भरा होता है।
जमीर अहमद का परिवार सात पीढ़ियों से गुलाल गोटा बनाने का काम करता आया है। वे बताते हैं कि ये परंपरा तब शुरू हुई जब राजाओं ने स्थानीय कारीगरों से होली के त्योहार के लिए कुछ विशेष और अनोखा बनाने का अनुरोध किया।
लाख के उत्पाद बनाने में माहिर मनिहारों के परिवार और कारीगर जिस जगह पर रहते हैं उस सड़क का नाम उनके शिल्प पर रखा गया है। जयपुर में पारंपरिक रूप से बनने वाले गुलाल गोटा देश भर के बाजारों में पहुंचते हैं। इसे बनाने के काम में जुटे लोगों के मुताबिक होली के दौरान उनके उत्पाद भारत के अलग-अलग हिस्सों में भेजे जाते हैं, देश भर में इस साल होली 14 मार्च को मनाई जाएगी।
गुलाल गोटा बनाने वाले जमीर अहमद ने कहा कि “गुलाल गोटे की शुरुआत हमारे पुरखों से बड़े बुजुर्गों से हुई। जो पहले क्या था कि राजा महाराजा होली खेलते थे तो उन्होंने बोला कि हमारे को एक नई चीज बनाओ जिससे कि हम जनता के साथ कनेक्टिविटी बनाए रखें। इसलिए हमारे बड़े बुजुर्गों ने ये गुलाल गोटे का आगाज किया।”
गुलाल गोटा बनाने वाले मोहम्मद नौमान ने कहा कि “जयपुर के राजा सवाई जय सिंह जिन्होंने जयपुर को बसाया वो कला प्रेमी थे, जो जैसा वर्क करता था वो उसको उसी हिसाब से उन्होंने यहां पर गली दी, मोहल्ला दिया। कोई पन्नी का काम करता है तो पन्नीकरों का मोहल्ला दिया। इसी तरह से लाख की चूड़ी बनाने वाले मनिहार कहलाते हैं। लाख की चूड़ी बनाने वाले मनिहार कहलाते हैं। इसलिए ये रास्ता हमारे नाम से 297 साल पुराना है, जब से जयपुर बसा है तब से ही ये मनिहारों का रास्ता स्थित हैं यहां पर तभी से यहां पर लाख की चूड़ियां, लाख के गुलाल गोटे बनाए जाते हैं यहां पर।”