Cyclone Montha: भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के काकीनाडा के दक्षिण में पश्चिम गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश तट से गुजरने के दौरान मछलीपत्तनम में तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। चक्रवाती तूफान की वजह से पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे टूट गए और कृष्णा और एलुरु जिलों के कई तटीय गांवों में भारी नुकसान हुआ। आपदा प्रतिक्रिया दल और नगर निगम के कर्मचारी प्रभावित इलाकों में सड़कें साफ करने और बिजली सप्लाई बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं।
हालांकि कुछ इलाके अब भी चक्रवात के असर से जूझ रहे हैं। यहां बिजली सप्लाई और सड़क संपर्क अब भी बाधित है, वहीं काकीनाडा में मौसम साफ होने लगा है। बारिश रुक गई है और मछुआरे तट पर लौट आए हैं। समुद्र शांत हो गया है। हालांकि तट पर जमा मलबा चक्रवात के असर की झलक पेश कर रहा है।
विजयवाड़ा शहर में सुबह तेज आंधी के साथ भारी बारिश हुई जिससे कई पेड़ उखड़गए और कुछ सड़कें पानी में डूब गईं। नगर निगम की टीमें नालियों की सफाई और यातायात सुचारू रूप से चलाने के लिए काम में जुटी दिखीं। मोंथा का थाई भाषा में मतलब ‘सुगंधित फूल’ होता है। ये चक्रवाती तूफान अब ओडिशा के गोपालपुर से लगभग 460 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है। इसकी वजह से राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने 29 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के यनम में अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर भारी से बहुत ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। वहीं मौसम विभाग ने 30 अक्टूबर के लिए, कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मरम्मत का काम जारी रहने और चक्रवात मोंथा के तेजी से कमजोर पड़ने के साथ, तटीय क्षेत्रों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं।अधिकारी प्रभावित जिलों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि “कल रात यहां पेड़ गिर गए। नगर निगम के कर्मचारियों ने आकर सड़कें साफ़ कर दीं। कोई जनहानि नहीं हुई है। झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। अधिकारी हर चीज का ध्यान रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि शाम तक बिजली बहाल हो जाएगी। गिरे हुए पेड़ों को जेसीबी की मदद से हटा दिया गया है।”
“पूरा गोपन्नापालम गांव तेज हवाओं से प्रभावित हुआ। कई पेड़ उखड़ गए। कल शाम छह बजे के आसपास तेज हवाएं चलीं और हम डर गए। अधिकारी तुरंत जेसीबी लेकर पहुंचे, गिरे हुए पेड़ों को हटाया और सड़कें साफ कीं। कुछ जगहों पर बिजली के खंभे भी गिर गए। सरकार अच्छा काम कर रही है। कुछ गरीब परिवारों ने अपने घर खो दिए हैं, और हमें उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद करेगी।”
“अधिकारी और पुलिस विभाग हालात की समीक्षा कर रहे हैं। वे घूम-घूम कर हालात का जायजा ले रहे हैं। किसी की जान नहीं गई है। लोगों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। चक्रवात का हम पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। अब हल्की बारिश हो रही है और मौसम ठीक है।” एनडीआरएफ टीम कमांडर ईश्वर राव गडे ने कहा कि “यह मेंगनपुडी और बीच रोड में बहुत सारे पेड़ गिरा हुआ है। हम कल शाम से ही काम कर रहे हैं। रात में भी काम किया, अभी सुबह से फिर हम लोगों ने मेंगनपुडी से लेकर मछलीपत्तनम तक काम चला रहा है।”
इसके साथ ही मौसम वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने बताया कि “पिछले छह घंटों में, चक्रवात मोन्था लगभग 15 किमी/घंटा की गति से उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ा है और अब गोपालपुर से लगभग 460 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर स्थित है।
इसके तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से होते हुए उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने और अगले तीन घंटों के दौरान एक गहरे अवदाब में और उसके बाद के छह घंटों के दौरान एक अवदाब में कमज़ोर होने की संभावना है। इसके कारण मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, रायगढ़, गंजम, गजपति, कालाहांडी और सुंदरगढ़, क्योंझर, मयूरभंज, बालेश्वर और भद्रक जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।”