Gujarat: चीनी लहसुन की तस्करी के खिलाफ राजकोट में व्यापारियों ने हड़ताल की

Gujarat: गुजरात के राजकोट में लहसुन व्यापारी हड़ताल पर हैं, उनका कहना है कि चीनी लहसुन के आयात पर सरकारी पाबंदी को दरकिनार करने के लिए अफगानिस्तान के रास्ते इसकी तस्करी की जा रही है। उन्होंने लहसुन व्यापारियों की देशभर में हड़ताल के समर्थन में काम बंद कर दिया है, लहसुन गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है और व्यापारियों के अनुसार, इसकी क्वालिटी चीनी लहसुन से बेहतर है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कम उत्पादन की वजह से इसकी कीमतें बढ़ी हैं, जिससे किसानों को फायदा हुआ है। व्यापारियों ने कहा कि इस महंगाई का फायदा उठाने के लिए देश में चीनी लहसुन की तस्करी की जा रही है, व्यापारियों का कहना है कि बेकार क्वालिटी वाला चीनी लहसुन सस्ती दरों पर बेचा जाता है, जिससे उनके व्यापार को नुकसान हुआ है और लहसुन किसानों पर असर पड़ा है।

वे मांग कर रहे हैं कि सरकार लहसुन की तस्करी को रोकने के लिए कदम उठाए, ताकि किसानों और व्यापारियों को परेशानी न हो। लहसुन व्यापारियों का कहना है कि “चीनी लहसुन जब देश में लाया जाता है और हमारे जो यहां के फार्मर है, उसको कम दाम में बेचना पड़ता है। ऐसी नौबत आने वाली है। इसलिए आज सारे देश में लहसुन का व्यापार बंद रख कर उसके साथ मिलकर सब देश के जो आयात हो रहा है लहसुन उसके प्रतिबंधित है फिर भी अफगानिस्तान के रास्ते से आता है, उसके विरोध में आज लहसुन का व्यापार पूरे देश में बंद है।”

इसके साथ ही बताया कि “यहां के किसान जो कृषि उपज है। सौराष्ट्र के गुजरात केे उसका जो दाम मिलता है, मंडी में उसकी गुणवत्ता के हिसाब से मिलता है वो इंडिया के और वर्ल्ड के सभी कंट्री में यहां का सौराष्ट्र और गुजरात का माल ज्यादा जाता है। क्योंकि वो 12 महीना 18 महीना वो माल टीका होता है। उसके हिसाब से उसकी डिमांड ज्यादा है और वो चाइनीज माल है वो तो :छह महीने आठ महीने वो माल टीकता है उसके बाद जो उसमें पानी का भाग है, वो तो पूरा जीरो हो जाता है।”

 

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