Gujarat: गुजरात राज्य हथकरघा व हस्तशिल्प विकास निगम की पहल ‘गरवी गुर्जरी ‘ पारंपरिक कारीगरी की विरासत का बेहतरीन संरक्षण कर रही है। 2024-25 में ‘गरवी गुर्जरी’ ने बिक्री का रिकॉर्ड बनाया है, उत्पादों की बिक्री से 32 करोड़ 9 लाख रुपयों की आमदनी हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल की दूरदर्शिता से ‘गरवी गुर्जरी’ ने लगातार दूसरे साल शानदार प्रदर्शन किया है, उत्पादों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी गुजरात के समृद्ध शिल्प कला की बढ़ती मांग का गवाह है। इस पहल के जरिये जटिल मनकों और हाथ से बुने कपड़ों से लेकर आदिवासी कला तक का संरक्षण किया जा रहा है। ‘गरवी गुर्जरी’ राज्य भर में आठ हजार से ज्यादा कारीगरों को सशक्त बना रही है, उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध करा रही है और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर रही है।
‘गरवी गुर्जरी’ कलाकारों को स्थानीय और वैश्विक बाजार से जोड़कर उनकी जिंदगी बदल रही है। बिक्री केंद्रों के विस्तृत नेटवर्क, एक्सक्लूसिव शोरूम और ऑनलाइन प्लैटफॉर्म के जरिये कलाकारों को लगातार ऑर्डर मिलते हैं, आमदनी बढ़ती हैं और हथकरघा और हस्तशिल्प की शानदार कारीगरी का प्रसार होता है। गरवी गुर्जरी नए-नए डिजाइन के लिए कार्यशालाओं का आयोजन और उत्पादों में नवाचार सुनिश्चित करती है। गरवी गुर्जरी सुनिश्चित करती है कि कारीगर आधुनिक मांग के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बनाएं।
2024–25 में गरवी गुर्जरी ने राज्य भर के कारीगरों से 20 करोड़ 89 लाख रुपयों के उत्पाद खरीदे। इसके साथ ही उन्हें सशक्त बनाने और राज्य की विरासत को संरक्षित करने की मुहिम आगे बढ़ाई। शोरूम से 14 करोड़ 62 लाख और मेलों और प्रदर्शनियों में बिक्री से 17 करोड़ 47 लाख रुपयों की आमदनी हुई। इस तरह कारीगरों के उत्पादों के लिए बाजार लगातार फैलता जा रहा है।
कुटीर व ग्रामीण उद्योग के सचिव और कमिश्नर आर्द्रा अग्रवाल ने बताया कि ‘गरवी गुर्जरी’ नाम के इंपोरियम्स जोकि गुजरात के अनेक शहरों में तो हैं ही गुजरात के बाहर भी कई बड़े शहरों में स्थित हैं हस्तशिल्प और हथकरघे की बेहतरीन कृतियों का बिक्री और प्रदर्शन का कार्य कर रहे हैं। इससे बड़ी संख्या में हमारे पारंपरिक कारीगरों को लाभ पहुंच रहा है।”
लाभार्थी झाबिर माजिद भाई खत्री ने बताया कि “जब से हमने ‘गरवी गुर्जरी’ के साथ काम करना शुरू किया है, हमें लगातार काफी काम मिल रहा है। हमें अपने काम की उचित कीमत भी मिलती है। असाइनमेंट नियमित रूप से आते हैं, जिससे हमारा काम लगातार चलता रहता है। काम में कोई देरी नहीं होती है और भुगतान समय पर होता है।”
इसके साथ ही लाभार्थीयों का कहना है कि “उनके कर्मचारी हमें बेशकीमती सुझाव भी देते हैं। जब भी हमें नए डिजाइन की जरूरत होती है, तो वे प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशालाएं आयोजित करते हैं। चाहे रंग हो या कोई दूसरी सामग्री, वे हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं। भुज और गांधीनगर में पूरी टीम कुशलता से काम करती है। हमें उनके साथ मिलकर काम करना वाकई अच्छा लगता है।”