Uttarkashi: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग एक बार फिर रोक दी गई है। 12 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में एक और बाधा आ गई है।
अधिकारियों ने बताया कि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी है, उसमें दरारें दिखाई देने के बाद ड्रिलिंग गुरुवार को फिर से रोक दी गई थी, जो शुक्रवार सुबह तक शुरू नहीं हो सकी है।
देर रात बरमा मशीन के रास्ते में आए लोहे के गर्डर को काटने में छह घंटे की देरी के बाद गुरुवार को दिन में ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया था। इससे बचाव अभियान में 12 से 14 घंटे की देरी का अनुमान लगाया जा रहा था। गुरुवार को दिन में दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई और 1.8 मीटर ड्रिलिंग के बाद एक और बाधा आ गई।
अधिकारियों का कहना है कि अब तक 48 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है। अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए अभी 10 मीटर और ड्रिलिंग करने की जरूरत है। लेकिन जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखाई देने के बाद रेस्क्यू पाइप डालने के लिए की जा रही ड्रिलिंग को फिर से रोकना पड़ा।
ओएसडी भाष्कर खुल्बे ने बताया कि “मशीन ने इधर से दबाव डाला और उधर रुकावट आ गई, दबाव के कारण पाइप थोड़ा दब गया है। यदि हम इसे फिर से गोल शेप में नहीं करते हैं तो इसे आगे धकेलने में और समस्या होगी। इसलिए सबसे अच्छा विकल्प टीडीएस ऑपरेशन है जो 45-46 मीटर पर कठिन विकल्प है, अंधेरे में और कोई ऑक्सीजन वातावरण नहीं है, आप मशीन लेते हैं और इसे केले की तरह काटते हैं जैसे आप इसे छीलते हैं स्टील को वापस लाने के लिए, लेकिन इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें ये करना होगा और इसका आधा हिस्सा पहले ही तैयार हो चुका है।”