Uttarakhand: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा का अब समापन शुरू हो गया है। केदारनाथ धाम के कपाट गुरूवार 23 अक्टूबर को बंद कर दिए जाएंगे। सालाना अनुष्ठान समापन की तैयारियां बुधवार को शुरू हो गईं। परंपरा के मुताबिक, मंदिर शीतकाल के दौरान छह महीने के लिए बंद रहेगा।
केदारनाथ चार धाम मंदिरों में शामिल है और ये 11वां ज्योतिर्लिंग भी है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। तीर्थयात्री बाबा केदार को विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं। कई लोग अगले साल फिर से उनके दर्शन के लिए आने की इच्छा जता रहे हैं।
मंदिर के कर्मचारी और इलाके के लोग भी कपाट बंद होने के बाद रवाना होंगे। इसके लिए उन्होंने तैयारियां शुरु कर दी हैं। हालांकि वे तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें उनके घरों की ओर भेज रहे हैं। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार सुबह अभिजीत मुहूर्त में बंद कर दिए गए। ये शुभ अन्नकूट उत्सव के साथ मेल खाता है।
अभिजीत मुहूर्त को अत्यंत शुभ समय माना जाता है और इस दौरान मंदिर के कपाट बंद करने या खोलने जैसे अनुष्ठान करने से दिव्य आशीर्वाद मिलता है। यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार को भाई दूज के मौके पर बंद होंगे। बद्रीनाथ धाम इस साल शीतकाल के लिए बंद होने वाला अंतिम चार धाम मंदिर होगा।
ऊपरी हिमालय में कड़ाके की सर्दी की वजह से चार धाम मंदिर केवल गर्मियों के महीनों के दौरान ही खुले रहते हैं। हालांकि, देवताओं को अनुष्ठान के तौर पर निचले ऊंचाई वाले शीतकालीन निवासों में ले जाया जाता है, ताकि श्रद्धालु पूरे साल उनकी पूजा कर सकें।