Uttarakhand: बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने चंडी देवी मंदिर का निरीक्षण किया, इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में आगामी नवरात्रि पर्व की तयारियों को लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिशा निर्देश दिए। अध्यक्ष ने कहा कि समिति चंडी देवी मं बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने चंडी देवी मंदिर का निरीक्षण किया, इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर में आगामी नवरात्रि पर्व की तयारियों को लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिशा निर्देश दिए। अध्यक्ष ने कहा कि समिति चंडी देवी मंदिर के संचालन और रखरखाव को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और नवरात्रि से पहले मंदिर परिसर में व्यवस्थाओ को दुरुस्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ दर्शन की सुविधा देना है और समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हर भक्त यहाँ से देवभूमि की एक अच्छी छवि और एक बेहतर अनुभव लेकर जाए। निरीक्षण के दौरान मंदिर के महंत भवानी नंदन गिरी सहित राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमद्गनी और प्रशासन के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बद्री-केदार मंदिर समिति ने 2 जुलाई को हरिद्वार में स्थापित सिद्ध पीठ चंडी देवी मंदिर का प्रबंधन संभाल लिया था। समिति के अध्यक्ष ने आज मंदिर परिसर का निरीक्षण कर अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के दिशा निर्देश दिए बीकेटीसी अध्यक्ष ने कहा कि बद्री-केदार मंदिर समिति एक 80 साल पुराना और सबसे बड़ा धार्मिक संस्थान है, जिसके अंतर्गत 47 धाम और मंदिर आते हैं, जिनमें केदारनाथ और बद्रीनाथ भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि समिति चंडी देवी मंदिर के संचालन और रखरखाव को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।निरीक्षण के दौरान,अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर परिसर से काफी अतिक्रमण हटा दिया गया है। आने वाले समय में, ख़ासकर नवरात्रि के दौरान, श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई और सुधार किए जाएंगे। इनमें रंगाई-पुताई (पेंट), फिसलन वाली जगहों पर मैट लगाना और अन्य ज़रूरी मरम्मत का काम शामिल है।
अध्यक्ष ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ दर्शन की सुविधा देना है। उन्होंने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि हर भक्त यहाँ से देवभूमि की एक अच्छी छवि और एक बेहतर अनुभव लेकर जाए।
राज्य मंत्री ओमप्रकाश जमद्गनी ने बताया कि मंदिर परिसर का कुछ हिस्सा वन विभाग के अंतर्गत आता है और वह खुद इको-टूरिज्म के उपाध्यक्ष हैं, इसलिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर की मौजूदा व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है, और इस काम को बद्री-केदार मंदिर समिति तथा वन विभाग मिलकर पूरा करेंगे।आने वाली नवरात्रि के लिए, उन्होंने विशेष निर्देश दिए हैं।
इनमें तीर्थयात्रियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था और फिसलन से बचने के लिए मंदिर के रास्ते में कालीन बिछाने जैसे महत्वपूर्ण कदम शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।