Uttarakhand: भारी बारिश से देहरादून और आसपास के इलाकों में भीषण तबाही, 5 लोग बहे

Uttarakhand: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आसपास के इलाकों में मंगलवार को बादल फटने और रात भर हुई भारी बारिश से भीषण तबाही मची जिसमें कम से कम पांच लोग बह गए और 500 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर फंस गए। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। सहस्त्रधारा में 192 मिमी, मालदेवता में 141.5 मिमी, हाथी बरकला और जॉली ग्रांट में 92.5 मिमी और कालसी में 83.5 मिमी बारिश हुई। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने बताया कि कई सड़कें, मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं तथा मंगलवार तड़के एक पुल बह गया।

शहर के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार पानी में पांच लोग बह गए और 584 लोग फंसे हुए हैं। बारिश के बाद ज़्यादातर नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी जिसके किनारे प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर स्थित है, खतरे के निशान के बहुत करीब बह रही है। गंगा और यमुना भी चेतावनी स्तर के करीब बह रही हैं। सुबह तमसा नदी तेज़ी से उफान पर आ गई, जिससे टपकेश्वर मंदिर पूरी तरह डूब गया और प्रवेश द्वार के पास स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने बताया कि उन्होंने पिछले 25-30 सालों में नदी का पानी इतना ऊपर बहते नहीं देखा।

उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सुबह के समय जब बाढ़ आई, उस समय मंदिर परिसर में बहुत कम श्रद्धालु थे, उन्होंने कहा कि मंदिर में रहने वाले पुजारी सुरक्षित हैं। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्रभावित इलाकों में टीम राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, वहीं 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि देहरादून के पौंधा क्षेत्र में देवभूमि संस्थान परिसर में जलभराव में फंसे लगभग 200 बच्चों को राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम ने बचाया।

उन्होंने कहा कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे जिन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के मलबे से नैनीताल में एक सड़क आवागमन के लिए बंद हो गई है। वहीं मझारा गांव के निवासी सड़कों पर इकट्ठा हैं और उनका कहना है कि वे भूस्खलन से बाल बाल बचे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया।

स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे। बारिश से प्रभावित मालदेवता क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘ भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं। मकान और सरकारी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहत टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय है।’’ वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद की स्थिति से अवगत कराया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।

भारी बारिश के कारण सोंग नदी उफान पर है जिससे आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ गई। इसे पहले सदर के उपमंडल मजिस्ट्रेट हरि गिरि ने बातचीत में कहा, ‘‘जलस्तर बढ़ रहा है और बहाव बहुत तेज़ है। किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। पर्यटक होटलों में ठहरे हुए हैं।’’ नदी के कारण मालदेवता में एक पुल खतरे में पड़ गया, जिसके कारण प्रशासन को त्वरित कार्रवाई करनी पड़ी तथा सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए समन्वय से काम करना पड़ा।

देहरादून के आईटी पार्क इलाके में भी जलभराव की सूचना है और कई कार्यालयों में पानी घुस गया है जिससे लोग फंस गए हैं। स्थानीय निवासी ऋतिक शर्मा ने कहा, ‘‘मैं सुबह साढ़े पांच बजे से यहां फंसा हुआ हूं। यहां बहुत पानी है, मेरी कार पानी में डूबी हुई है। कार्यालयों और बेसमेंट में पानी घुस गया है।’’

धामी ने भारी बारिश से प्रभावित देहरादून जिले के मालदेवता और केसरवाला क्षेत्रों का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए और स्थानीय लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। निरीक्षण के दौरान धामी के साथ कई नेता और अधिकारी मौजूद थे।

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