Uttarakhand: उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान आई आपदा के बाद दूसरे चरण की चारधाम यात्रा को फिर से सुचारु कराने के लिए तैयारियां जोरों पर है। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने कहा कि धराली आपदा के बाद गंगोत्री धाम की यात्रा बीते दिन से शुरू हो चुकी है, लेकिन यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अनेक स्थानों पर बाधित होने से यमुनोत्री धाम की यात्रा अगले 13 सितंबर से शुरू की जा सकती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि मौसम और सड़क मार्ग की स्थिति को देखते हुए यात्रियों को सीमित संख्या में गंगोत्री धाम भेजा जा रहा है। वर्तमान में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू, नालूपानी, हेलगुगाड़, डबरानी संवेदनशील स्थान है। जहां रुक-रुक कर भूस्खलन हो रहा है। सुरक्षा को देखते हुए उक्त स्थानों में सड़क मार्ग को सुचारू करने के लिए पर्याप्त मशीनरी एवं टीमें तैनात की गई है। वहीं यमुनोत्री धाम की यात्रा अगले सप्ताह तक पुनः शुरू कराने के प्रयास किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा यमुनोत्री नेशनल हाइवे जंगलचट्टी, बनास, फूलचट्टी के पास क्षतिग्रस्त है। जंगलचट्टी में करीब 150 मीटर सड़क मार्ग का हिस्सा ध्वस्त हुआ था। जिसे फिर से सुरक्षित और समतलीकरण करने का कार्य प्रगति पर है। इसी तरह बनास में करीब 40 मीटर सड़क का हिस्सा ध्वस्त हुआ है और फूलचट्टी में भी सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त है जिसे एनएच के द्वारा 12 सितंबर तक सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने यात्रियों से भी अपील करते हुए कहा कि गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए जिला प्रशासन द्वारा जारी एसओपी का पालन करें। जिलाधिकारी ने गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम में आने वाले यात्रियों का ब्यौरा भी दिया। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त तक गंगोत्री धाम में 6 लाख 68 हजार 365 एवं यमुनोत्री धाम में 5 लाख 85 हजार 237 यात्री दर्शन कर चुके है।