Uttarakhand: उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल नैनीताल में इस साल गर्मी के मौसम में पर्यटकों की संख्या में अप्रत्याशित गिरावट देखी जा रही है। अप्रैल से जून तक का समय आमतौर पर यहां का पीक टूरिस्ट सीजन होता है, लेकिन होटल एसोसिएशन नैनीताल के मुताबिक इस बार बुकिंग में 80 से 90 प्रतिशत तक की कमी आई है। इसकी दो प्रमुख वजहें सामने आई हैं। पहली, नैनीताल में 12 साल की नाबालिग बच्ची से कथित बलात्कार की घटना, जिसके बाद शहर में सांप्रदायिक तनाव फैल गया। दूसरी, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा सैन्य तनाव, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा को लेकर चिंताओं को जन्म दिया।
स्थानीय होटल संचालकों और व्यवसायियों के अनुसार इन घटनाओं के चलते पर्यटक नैनीताल आने से झिझकने लगे, जिससे होटल बुकिंग्स बड़े पैमाने पर रद्द हो गईं। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट के अनुसार, बुकिंग रद्द होने का आंकड़ा 90% तक पहुंच गया था। हालांकि 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव कम होने के बाद अब जून के लिए कुछ बुकिंग्स वापस आने लगी हैं।
पर्यटन में गिरावट का असर केवल होटल कारोबारियों तक सीमित नहीं रहा। नाव चालक, टैक्सी ऑपरेटर और स्थानीय दुकानदारों जैसे छोटे व्यवसायियों की आजीविका भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। नाव चालक खड़क सिंह ने बताया कि मई का महीना समाप्त होने को है, लेकिन उन्हें अब तक पर्याप्त काम नहीं मिला। उत्तराखंड परिवहन निगम की रिपोर्ट के अनुसार, हल्द्वानी से नैनीताल के लिए चलने वाली बसों की संख्या में भी कमी आई है, जिससे परिवहन विभाग की आय भी घट गई है।
हालात में अब धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय व्यवसायियों को आशा है कि शांति और स्थिरता बनी रही तो जून के अंत तक पर्यटन गतिविधियां दोबारा रफ्तार पकड़ सकती हैं। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि प्रशासन सुरक्षा और स्थिरता का माहौल सुनिश्चित करे, जिससे पर्यटकों का भरोसा बहाल हो सके।