Uttarakhand: जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में उगने वाली गुच्छी मशरूम दुनिया की सबसे महंगी किस्मों में एक है। अब उत्तराखंड में भी इसकी खेती के आसार दिख रहे हैं। पौड़ी जिले के फलदाकोट गांव में गुच्छी मशरूम की खेती की भारी संभावना दिख रही है। यहां के नवीन पटवाल मशरूम उगाने वाले तजुर्बेकार किसान हैं। उन्होंने गुच्छी मशरूम की खेती में भी हाथ आजमाना शुरू किया। अब उन्हें कामयाबी मिलने लगी है।
गुच्छी या मोरेल मशरूम उगाने में कामयाबी मिलना पौड़ी के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बागवानी विभाग ने बताया कि राज्य सरकार जिले के दूसरे हिस्सों में भी इसकी खेती करने की योजना बना रही है। स्थानीय प्रशासन गुच्छी मशरूम की कामयाब खेती के लिए नवीन पटवाल की मेहनत की तारीफ कर रहा है। लोगों को यकीन है कि एक बार बड़े पैमाने पर गुच्छी मशरूम की खेती शुरू हो गई तो यहां से पलायन रुकेगा, रोजगार के नए मौके खुलेंगे और पौड़ी जिला गुच्छी मशरूम उगाने का केंद्र बनकर उभरेगा।
किसान ने बताया, “2007 से मैं मशरूम उगा रहा हूं। 2023 से मेरे दिमाग में गुच्छी मशरूम आया। ये इसका तीसरा साल है। पहले दो साल मेरे फेल्योर रहे। 2025 में हमारी जो क्रॉप आई है, भयंकर क्रॉप है। 100 स्क्वायर मीटर एरिया में हमने 100 किलो फ्रेश मशरूम प्रोड्यूस करी है, जिसको ड्राई करके आप 12 किलो मान के चलिए मोटा-मोटा, सूखने के बाद मशरूम हो जाएगी। इसका मार्केट में डिटेल देखें तो साइज के ऊपर, जंबो साइज जैसे होते हैं, 30 से 35 हजार रुपये का प्राइस है।”
बागवानी विभाग अधिकारी ने कहा, “इन्होंने 100 वर्ग मीटर पोलीहाउस में, उसके ऊपर हाई डेंसिटी का ब्लैक नेट शीट डाल करके उसके अंदर ग्रो कर रहे हैं। ये मशरूम के जो टेम्परेचर होते हैं, 15 से 25 डिग्री के बीच में होना चाहिए। अभी तक हिमाचल या जम्मू कश्मीर में इसकी खेती कर रहे थे। तो वहां से भी ज्यादा सक्सेसफुल यहां पर रही है। और कुछ उनके द्वारा न्यूट्रिएंट तैयार किया गया, जो उस न्यूट्रिएंट को डालने के बाद मशरूम अच्छे से ग्रो हुई।”
ग्राम प्रधान विजय दर्शन ने जानकारी दी, “पिछले दो साल से मैं इसपर रिसर्च कर रहा था। दोनों साल हमें फेल्योर मिला। तीसरे साल जाके हमें ये सफलता प्राप्त हुई है। दो पोलीहाउस हमारे द्वारा उपलब्ध कराए गए थे। और दोनो पोलीहाउस में जो ट्रायल किया गया था, वो सक्सेस रहा है। निश्चित रूप से उस युवा के पहल की मैं सराहना करता हूं। और हमारे गांव के लिए और विशेष करके हमारे पौड़ी गढ़वाल के लिए फख्र की बात है।”
लोगों को यकीन है कि एक बार बड़े पैमाने पर गुच्छी मशरूम की खेती शुरू हो गई तो यहां से पलायन रुकेगा, रोजगार के नए मौके खुलेंगे और पौड़ी जिला गुच्छी मशरूम उगाने का केंद्र बनकर उभरेगा।