Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को अवैध मदरसों की फंडिंग की जांच करने का आदेश दिया है, यह फैसला तब लिया गया जब राज्य में 100 से ज्यादा अवैध मदरसों को सील किया गया।
उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने कहा कि मदरसों में बच्चों के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि सरकार की इस कार्रवाई में कोई समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद पिछले महीने शुरू हुए अभियान में अब तक 136 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है, सबसे ज्यादा 64 मदरसे ऊधमसिंह नगर में, 44 देहरादून में, 26 हरिद्वार में और 2 पौड़ी में सील किए गए हैं।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि “नहीं देखिए ये बड़ा स्पष्ट है कि अगर आप एक्ट और रूल के हिसाब से मदरसों का रजिस्ट्रेशन है। सरकार के इसमें हस्तक्षेप का कोई भी इरादा नहीं है। सभी को शिक्षा मिले, बच्चे पढ़े। लेकिन अगर मदरसे अवैध हैं एस पर गवर्नमेंट रूल्स एंड नॉर्म्स नहीं हैं, तो उस पर कार्रवाई हो रही है और उनकी फंडिंग कैसे हो रही है ये भी एक महत्वपूर्ण विषय है।”
बाल आयोग की अध्यक्ष गीता खन्ना ने बताया कि “मदरसे के नाम का दुरुपयोग करके कुछ अनैतिक या राजनैतिक या गलत इरादा तो है अब वो किसको लेकर है वो तो जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद आएगी। लेकिन बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के रूप में जो मैंने वहां देखा और जिसके लिए मैं जांच कर रही थी वो तब बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार। हमने वीडियोज में देखा कि बच्चों को बुरी तरह से पीटा जा रहा है।”
इसके साथ ही उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि “युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा एक आदेश जारी किया गया है कार्यालय द्वारा और ये कहा गया है कि जो पैसा आ रहा है जिसकी भी जांच होगी कि कहीं ये अवैध फंडिंग तो नहीं है। मुझे लगते है कि इसमें कहीं से कहीं तक कोई दिक्कत नहीं है। युवा मुख्यमंत्री का मत बिल्कुल स्पष्ट है कि सही को छेड़ना नहीं है और गलत को छोड़ना नहीं है।”