उधम सिंह नगर जिले की सीमांत खटीमा तहसील क्षेत्र में मिट्टी खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। खटीमा तहसील क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में जहां अवैध मिट्टी खनन के लगातार मामले सामने आ रहे हैं वही अब सरकारी तालाबों की खुदाई की आड़ में खनन माफिया जेसीबी के माध्यम से धरती का सीना चीर लाखो के वारे न्यारे कर रहे है।खटीमा में अवैध मिट्टी खनन का खेल अपने पूरे शबाब पर है लेकिन प्रशासन हो या पुलिस इस विषय पर फिलहाल मुकदर्शक ही बनी आ रही है। ताजा मामले में खटीमा के खेतलसंडा खाम इलाके का है जहां सरकारी तालाब की खुदाई की आड़ में जमकर नियमो को ताक पर रख रात दिन खनन माफियाओं द्वारा मिट्टी खनन को अंजाम दिया गया है। सूत्रों के अनुसार बिना परमिशन के ही तालाब को दो जेसीबी और बीस से पच्चीस ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से खोद डाला गया। स्थानीय लोगो के अनुसार रात के समय भी खनन माफियाओं की जेसीबी सरकारी तालाब के रूप में चिन्हित भूमि पर गरजती रही। लेकिन पुलिस हो या प्रशासन कोई इस अनैतिक कार्य को रोकने खेतलसंडा खाम इलाके में नही पहुंचा। खनन माफियाओं ने तीन दिनों में रात दिन खनन कर सैकड़ों ट्राली मिट्टी को बेच डाला,जिससे लगभग 15से 16लाख के राजस्व का चुना खनन माफियाओं द्वारा राजस्व विभाग को लगाया गया है। खनन माफियाओं ने इस दौरान खनन नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई हैं. खेतलसंडा खाम इलाके के तालाब को लगभग दस फीट गहरा खोद दिया गया है।जिससे जमीन के नीचे से पानी निकलने लगा है।साथ ही तालाब की मुंडेर का निर्माण भी मौके पर नही हुआ है।जिससे स्थानीय ग्रामीणों की बरसात में भूमि व अत्यधिक गहरे होने से लोगो की जान को भी खतरा पैदा हो सकता है।खेतलसंडा खाम इलाके में मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा सरकारी तालाब को खनन नियमो के विरुद्ध तीन रात खोदने व बिना परमिशन के खोदे जाने के सवाल पर तहसीलदार खटीमा ने उक्त मामले के संज्ञान में ना होने व मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आने की बात कही है। साथ ही राजस्व उप निरीक्षक द्वारा मामले की जांच करा नियम विरुद्ध अवैध खनन करने का मामला सामने आने पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।
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