Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “भारत की आजादी के बाद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और जनसंघ के समय से पार्टी के सभी संस्थापक सदस्यों के लिए ये पार्टी के मूल सिद्धांतों का हिस्सा रहा है।”
उत्तराखंड सोमवार को समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया, जिसके साथ सत्तारूढ़ बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए अपने वादे को पूरा किया। सीएम धामी ने कहा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में पार्टी ने जो फैसले लिए… हमारा मानना है कि हम देश के लोगों के लिए काम करना चाहते हैं, चाहे वे जनसंघ के समय से हो या बीजेपी के समय से। वे सभी फैसले पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरे हो रहे हैं।”
मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी की अधिसूचना जारी की, इसके क्रियान्वयन के नियम जारी किए और विवाह, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप के अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण के लिए बनाए गए पोर्टल को लॉन्च किया।
यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप के प्रावधान पर सीएम ने कहा, “हम किसी की निजता खत्म नहीं कर रहे हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकताओं में से एक है, क्योंकि लिव-इन रिलेशनशिप में आमतौर पर रिश्ते अच्छे होते हैं, लेकिन कई बार साथ रहने पर रिश्ते खराब भी हो जाते हैं। बहुत कड़वाहट होती है, हिंसक घटनाएं होती हैं, अपराध संबंधी घटनाएं देखने को मिलती हैं, लोग थाने और कोर्ट भी जाते हैं और यहां तक कि हत्याएं भी हो जाती हैं।”
सीएम धामी ने कहा कि दिल्ली में हुई श्रद्धा वाकर जैसी घटना देश मे दोबारा न हो, इसलिए इस कानून को लाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों की सुरक्षा है।”
उन्होंने कहा, “हम लोगों की जान बचाना चाहते हैं, ऐसी घटना के बाद उनके माता-पिता पूरी जिंदगी रोते ही रह जाते हैं। हम सभी के लिए सुरक्षा चाहते हैं।” यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए 27 मई, 2022 को सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।