Ramnagar: रामनगर पहुंचे पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद अनिल बलूनी का भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान सांसद अनिल बलूनी ने वन ग्रामों, खातों में रह रहे लोगों की समस्याओं और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से बात की।
सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि रामनगर और उसके आसपास स्थित वन ग्रामों और खातों में रह रहे लोगों की समस्याओं को लेकर उन्होंने भारत सरकार और उत्तराखंड के मुख्य सचिव से बातचीत की है। साथ ही आज ही उन्होंने जिलाधिकारी से भी इस विषय में चर्चा की। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जल्द से जल्द एक सूची तैयार की जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि कौन-कौन से वन ग्राम ऐसे हैं जिन्हें बिना किसी दिक्कत के राजस्व ग्राम घोषित किया जा सकता है और किन ग्रामों में कानूनी या अन्य अड़चनें हैं।
उन्होंने कहा कि खत्तों में रह रहे लोगों को मूलभूत नागरिक सुविधाएं मिलना उनका अधिकार है। इन क्षेत्रों में रह रहे लोग लंबे समय से कई तरह की मानवीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं और सरकार का दायित्व है कि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
सांसद ने कहा कि यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और बहुत जल्द इस दिशा में ठोस कार्रवाई देखने को मिलेगी। जो वन ग्राम राजस्व ग्राम घोषित किए जा सकते हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर राजस्व ग्राम बनाया जाएगा।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व को लेकर सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि कॉर्बेट विश्व प्रसिद्ध पार्क है और यहां पर्यटन गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि जब वे पहले वन एवं पर्यावरण से जुड़े दायित्वों में थे, तब भी उन्होंने इस क्षेत्र में कार्य किया था और आज भी पर्यटन को बढ़ावा देने और जैव विविधता के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
सांसद ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार के वन विभाग की कंसलटेटिव कमेटी की बैठक में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर गंभीर चर्चा हुई है, उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के व्यवहार में आ रहे बदलावों पर वैज्ञानिक अध्ययन और रिसर्च की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र सरकार से संसाधन और आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने उत्तराखंड को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
अनिल बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में हमेशा बलिदान दिया है, लेकिन इसकी कीमत आम जनता को न चुकानी पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ राज्य का सहयोग करेगी।