Ramnagar: बारिश के दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ‘ऑपरेशन मानसून’ शुरू

Ramnagar: पथरीले रास्तों पर पैदल सफर करते वन रक्षक, घने जंगलों में हाथियों की निगरानी और मोबाइल ऐप के जरिए रियल टाइम ट्रैक की जाने वाली पेट्रोलिंग।

यह ऑपरेशन मानसून है। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन की ये सालाना रणनीति है। मानसून के दौरान कॉर्बेट पार्क पर्यटकों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया जाता है क्योंकि इस दौरान जंगल में नदियां और नाले उफान पर होते हैं जिससे सफारी मार्ग बाधित हो जाते हैं। हालांकि इस दौरान वन्यजीवों की तस्करी और अवैध घुसपैठ की आशंका भी बढ़ जाती है जो कॉर्बेट प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर डॉ. साकेत बडोला ने कहा कि “बरसात के दिनों में हमें कुछ नए चैलेंजेस हमारे सामने आते हैं क्योंकि ये जो लोअर पहाड़ी वाला क्षेत्र है, भंवर वाला क्षेत्र है, यहां बारिश बहुत होती है। बहुत तरह के नाले हैं, नदी हैं। वो सब चीज रहती हैं। उसकी वजह से रास्ते जो हैं हमारे जो अप्रोच रोड्स होती हैं, वो सब ध्वस्त हो जाती हैं। खत्म हो जाती हैं। इसलिए हम इस ड्यूरेशन में 15 जून से स्पेशली एक ऑपरेशन मानसून नाम का स्पेशल अभियान चलाते हैं। जिसके अंतर्गत हमारा मैन फोकस होता है कि जो ऐेसे क्षेत्र हैं, जहां पर एक्सेसिबल नहीं है। वहां पर हमारी प्रेसेंस जो है स्टाफ की वो लगातार बनी रही।”

“हमारा स्टाफ पैदल पेट्रोलिंग करता है। हम छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर ये सारी चीजें उसमें उनको इक्विप कर के चाहे वो वायरलेस हो या चाहे वो आर्म्स(एआरएमएस) हो। उसके दौरान वो इन क्षेत्रों की लगातार निगरानी करते रहते हैं। जिन क्षेत्रों पर पैदल जाना वहां पर संभव नहीं होता है। वहां पर विभागीय हाथी हैं हमारे उनका भी इस्तेमाल किया जाता है। जब हमारा रिजर्वायर वाला क्षेत्र है वहां पर हम बोट का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा जो ऐसे क्षेत्र हैं जहां बिल्कुल जाना संभव नहीं हो पाता। तो वहां पर हम या तो एटीबी और बाकी क्षेत्रों में ड्रोन का भी इस्तेमाल करते हैं ताकी उन क्षेत्रों पर एक निगाह बनाई जा सके। कोई अवैध एक्टिविटी वहां पर ना हो रही हो, कोई अवैध प्रवेश ना हो रहा हो। इन चीजों पर ध्यान दिया जाता हैै।”))

चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र वन कर्मचारी वायरलेस सेट के साथ छोटी-छोटी टीमों में गश्त करते हैं। साथ ही वे मानसून के दौरान दूर-दराज के इलाकों में पहुंचने के लिए हाथियों और नावों का इस्तेमाल करते हैं। कर्मचारी तेजी से कार्रवाई और सटीक रिकॉर्ड के लिए एम-स्ट्राइप ऐप का इस्तेमाल करते हैं। इससे पेट्रोलिंग रूट पर नज़र रखने और वन्य जीवों की रियल टाइम मॉनिटरिंग में मदद मिलती है।

1,290 वर्ग किलोमीटर में फैले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 260 से ज़्यादा बाघ, 1,200 हाथी और 600 से ज़्यादा पक्षियों की प्रजातियां हैं। इसकी दक्षिणी सीमा सबसे ज्यादा संवेदनशील मानी जाती है जहां से अक्सर शिकारियों के घुसने की आशंका बनी रहती है। यही वजह है कि ऑपरेशन मानसून इस सीजन में चलाई जाने वाली महज एक तय सालाना मुहिम नहीं बल्कि ये भारत के सबसे प्रतिष्ठित फॉरेस्ट रिजर्वों में से एक की जैव विविधता के लिए जीवन रेखा है।

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