Ramnagar: उत्तराखंड में रामनगर के किसान दीप बेलवाल ने पारंपरिक खेती के तरीकों को अल्ट्रा हाई डेंसिटी प्लांटिंग यानी यूएचडीपी तकनीक से बदलकर नए तरह से आम की खेती की शुरुआत की है।
यूएचडीपी तकनीक में कम जगह पर ज्यादा संख्या में पेड़ लगाए जाते हैं और उनकी ऊंचाई को एक तय स्तर पर बनाए रखा जाता है। किसान दीप बेलवाल ने बताया कि “आम जो हमारे पीछे आप देख रहे हैं, ये अल्ट्रा हाई डेंसिटी में आम की पैदावार करी जा रही है। अल्ट्रा हाई डेंसिटी में जहां सामान्य रूप से एक पेड़ लगता है, वहां इसमें 13 पेड़ लगेंगे।
तो उससे हमें फायदा ये होता है कि हमारा एक तो इसमें प्रोडक्शन बहुत जल्दी आ जाता है। तो हम पीक प्रोडक्शन है, तीन-चार साल के अंदर ही कर लेते हैं। दूसरा, क्योंकि कैनोपी इसकी छोटी रखी जाती है, कैनोपी प्री मैनेज करनी पड़ती है। छोटी कैनोपी से फ्रूट मैनेजमेंट बहुत बढ़िया हो जाता है।”
दीप ने सिर्फ एक हेक्टेयर जमीन पर 1,300 से ज्यादा आम के पेड़ लगाए हैं। हर पेड़ से मल्लिका किस्म के 60 किलो तक आम की पैदावार होती है। इस तकनीक से बेहतर गुणवत्ता वाले फल, आसान कटाई और काफी ज्यादा मुनाफा मिलता है।
बागवानी अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल ने कहा कि “मल्लिका के जहां पर उत्पादन किया जा रहा है, 2600 पौधे फिलहाल लगाए गए हैं। सदन बागवानी में जो 278 पौधे पर एकड़ लगते हैं, अति सघन बागवानी विकसित की गई है। उसमें सही तरीके से पेड़ लगे तो काफी लगेंगे।”
यूएचडीपी तकनीक को अपनाने और उसकी सफलता के लिए बेलवाल की खूब तारीफ हो रही है। कई किसान इससे प्रेरित होकर इस पद्धति की बारीकियों को सीखने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं।