Pauri: पौड़ी जिले के देहलचौरी क्षेत्र में हर साल दीपावली के बाद मंजूघोषेश्वर महादेव मंदिर में लगने वाले कांडा मेले में इस साल भी श्रद्धालुओं का हुजूम सुबह से लेकर शाम उमड़ा रहा, मजीन कांडा मेला समिति व मंदिर के पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार किया, मंदिर के कपाट सुबह करीब आठ बजे भक्तों के दर्शनार्थ के लिए खोले गए.
कांडा मेला समिति के अध्यक्ष द्वारिका प्रसाद भट्ट ने बताया कि आस पास के गांव से ग्रामीण अपने-अपने गांव के निशान (झंडे) मंदिर में चढ़ाते हैं और सुख समृद्धि की कामना किया करते हैं, भक्तो को मंजुघोषेश्वर महादेव मजीन में एक साथ शिव, महाकाली व भगवती के आशीर्वाद मिलता है, दरअसल मंदिर की मान्यता है कि यहां स्वर्ग की अप्सरा मंजू पुण्य कमाया था.
मान्यता है कि किंवदंती है कि स्वर्ग की अप्सरा मंजू ने अपने क्षीण हुए पुण्यों को प्राप्त करने के लिए यहीं पर शिव की अराधना की थी। तपस्या में लीन अप्सरा मंजू को आघात पहुंचाने के लिए प्रकट हुए कोलासुर राक्षस का वध भी महाकाली ने इसी स्थान पर किया.
इसके साथ ही कहा जाता है कि जब शिव सती के भस्म हुए शरीर को लेकर हिमालय में विचरण कर रहे थे, तो यहां पर सती पार्वती के हाथ की छोटी उंगली गिरी थी. तब से ही इसके नाम के साथ मजीन पड़ा और यह सिद्धपीठ बना। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु मंजुघोष यात्रा कर इस स्थान पर आता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है।