Paper Leak: एक – एक नकल माफिया को करेंगे गिरफ्तार- मुख्यमंत्री धामी

Paper Leak: यूकेएसएसएससी परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए युवाओं का धरना आज भी जारी है। युवा परीक्षा कैंसिल कराने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बयान देते हुए कहा कि नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, पिछले चार वर्षों में राज्य के 25 हजार से अधिक युवाओं का चयन सरकारी नौकरी में हुआ है, अब सामान्य परिवारों के कई युवा एक से अधिक परीक्षा में सफल हो रहे हैं। जबकि राज्य बनने के शुरुआती 21 साल में कुल 16 हजार नियुक्तियां ही हुई थी। सख्त नकल विरोधी कानून के लागू होने के बाद से अब तक 100 से अधिक नकल माफियाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कुछ लोगों को पारदर्शिता के साथ युवाओं का सरकारी नौकरियों में जाना रास नहीं आ रहा है, इसलिए वह युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलने के लिए संगठित रूप से पेपर लीक का षड्यंत्र रच रहे हैं। हाल ही में राज्य में पेपर लीक कराने का असफल प्रयास किया गया, सिर्फ एक जगह की शिकायत के आधार पर अराजकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मामलों के लिए पहले से ही सख्त कानून बना है, जिसके इस प्रकरण में सख्ती से कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल में सामने आई परीक्षा गड़बड़ी की जांच के लिए एक एसआईटी गठन का निर्णय लिया है। एसआईटी जांच के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। सरकार राज्य में एक-एक नकल माफिया को चुन-चुन कर गिरफ्तार कर, सजा दिलवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने शपथ लेने के बाद ही संकल्प लिया था कि रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरा जाएगा।

इसके बाद रिकॉर्ड भर्तियां हुई हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई जांच के जरिए भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ भर्ती करना है। सरकार भर्ती में देरी के कारण किसी भी युवा के साथ अन्याय नहीं होने देगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया है। इस कानून के अंतर्गत एक जुलाई 2026 के बाद से उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें हमारे सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। साथ ही, मदरसे में पढ़ाने वाले धार्मिक गुरु जो बिना किसी शैक्षिक योग्यता के केवल धार्मिक आधार पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे, उन पर भी लगाम लगेगी।

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