Pantnagar: उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय ने आम की नई किस्म विकसित की है, वैज्ञानिकों ने इसका नाम ‘सिंदूर’ रखा है, उन्होंने इसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपने शौर्य और पराक्रम का जज्बा दिखाने वाले भारतीय सेना के वीर जवानों को समर्पित किया है।
पंतनगर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित आम की इस नई किस्म को दिल्ली में आम की प्रदर्शनी के दौरान दिखाया गया। इसमें तीनों सेनाओं के अध्यक्ष सहित रक्षा क्षेत्र के कई अधिकारी मौजूद रहे और नए आम का स्वाद चखा।
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में डॉ. अशोक कुमार सिंह की अगुवाई में वैज्ञानिकों की टीम ने रिसर्च कर आम की इस नई किस्म को इजाद किया है। खास बात ये है कि यह आम अगस्त के आखिर और सितंबर की शुरुआत में पक कर तैयार हो जाता है जबकि इस दौरान दूसरे आम का सीजन लगभग खत्म हो जाता है।
विश्वविद्यालय का कहना है कि ‘सिंदूर’ आम न सिर्फ आम के शौकीनों को नया स्वाद देगा बल्कि किसानों को इसकी खेती में नए मौके मिलेंगे।
मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति, पंतनगर विश्वविद्यालय “इस साल हमने छह जुलाई को हमने दिल्ली में आकाश ऑफिसर्स मेस है जो एयरफोर्स का है उसमें एक छोटी सी एग्जिबिशन लगाई है। उसमें हमने करीब 45 किस्मों के आम की वहां पर प्रदर्शनी थी और उनका हमने उनको स्वाद भी चखाया है कि कैसा इनका टेस्ट होता है।
इसमें हमने एक आम की वैरायटी डेवलप की है, जिसका नाम हमने सिंदूर रखा है कि जो ऑपरेशन सिंदूर में जो हमारे जितने भी सैनिक हैं, उनको सम्मान देते हुए। पूरे देश को सम्मान देते हुए इस वैरायटी का नाम सिंदूर रखा गया है।”
डॉ. अशोक कुमार सिंह, वैज्ञानिक, पंत नगर विश्वविद्यालय “इसकी क्वालिटी ये है कि इस आम की जो मैच्योरिटी है, जो परिपक्वता है वो बहुत लेट होती है। अगस्त के लास्ट वीक में और सितंबर के फर्स्ट वीक में यह अवेलेबल होता है जाकर के जबकि अन्य आम जो है, वो आप देखते हैं कि अगस्त के फर्स्ट वीक तक खत्म हो जाते हैं।
तो यह एक तो सबसे अच्छी बात है कि ये आम बाजार में लेट मिलेगा और हमारे किसान भाइयों को इसका अच्छा पैसा मिल सकता है। नंबर दो जो इसकी जो शुगर और एसिड इसमें जो होता है, जो बोलते हैं अम्ला.. और शर्करा उसमें इसका बहुत अच्छा ब्लेंड है इसका मिश्रण बहुत अच्छा है, जो की हेल्थ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।”