बद्रीनाथ धाम में बर्फबारी के बाद धूप खिली गयी है. वही आज से बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. आज से बद्रीनाथ मे पंच पूजाए शुरू हो गयी है. पहले दिन भगवान गणेश जी के कपाट बंद किए जायेंगे. इस साल 17 लाख 25 हजार से अधिक रिकॉर्ड यात्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे है.l बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि 15 नवंबर यानी आज से भगवान श्री गणेश के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. 16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे. 17 नवंबर को खड़क पुस्तकों का वाचन बंद होगा. 18 नवंबर को मां लक्ष्मी को गर्भ गृह में विराजमान होने के लिए न्योता दिया जाएगा. 19 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. 19 नवंबर को भगवान कुबेर और उद्धव जी की डोली गर्भगृह से बहार बामणी गांव के लिए रवाना होगी. साथ ही शंकराचार्य जी की गद्दी भी गर्भगृह से रावल निवास में विश्राम करेगी. अगले दिन 20 नवंबर को प्रातः काल उद्धव, कुबेर और शंकराचार्य जी की डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी. बताया जा रहा है कि कपाट बंद होने के अवसर पर लगभग 20000 श्रद्धालुओं के दमप में पहुंचने की उम्मीद है.
15 नवंबर यानी आज से भगवान श्री गणेश के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे.
16 नवंबर को आदिकेदारेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे.
17 नवंबर को खड़क पुस्तकों का वाचन बंद होगा.
18 नवंबर को मां लक्ष्मी को गर्भ गृह में विराजमान होने के लिए न्योता दिया जाएगा
19 नवंबर को भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे
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