ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी में विभिन्न यात्रा पड़ावों में पड़ने वाले सुरम्य मखमली बुग्यालों के चारों तरफ विगत कई वर्षों से अवैध अतिक्रमण जारी है। स्थानीयों के साथ-साथ बाहरी पूंजीपतियों ने भी तुंगनाथ घाटी के बुग्यालों में अतिक्रमण कर घाटी के बुग्यालों की सुंदरता को गायब करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। लगातार हो रहा अतिक्रमण भविष्य के लिए चिंता का विषय बना हुआ हैं। जिसपर वनविभाग ने कार्रवाई करने का फैसला लिया है। विभाग ने विभिन्न यात्रा पड़ावों में लम्बे समय से होटल, ढांबो व टैन्टों का संचालन कर रहे व्यापारियों को वन विभाग ने अचानक जगह खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। जिससे व्यापारियों में हडकंप मच गया है।
बता दे कि तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर व्यवसाय कर रहे 51 व्यापारियों को वन विभाग द्वारा भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 61 क के तहत बुग्यालों सहित विभिन्न स्थानों पर हुए अतिक्रमण को हटाने का फरमान जारी किया है, जिससे स्थानीय व्यापारियों में हडकंप मचा हुआ है। वन विभाग कार्रवाई से कई स्थानीयों के रोजी रोटी पर संकट गहरा सकता है।
वन विभाग द्वारा तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों पर संचालित टैन्टों, ढाबों व होटलों को हटाने का फरमान जारी होते ही, तुंगनाथ घाटी के व्यापारियों में शासन-प्रशासन व वन विभाग के खिलाफ आक्रोश है। स्थानीय व्यापारियों ने वन विभाग पर उनके साथ नाइन्साफी करने का आरोप लगाया है। वन विभाग की इस कार्रवाई से तुंगनाथ घाटी के दो हजार से अधिक युवाओं के सामने दो जून रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। साथ ही बाहर से आने वाले सैलानियों को सुविधा न मिलने पर स्थानीय पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो सकता है।
One thought on “तुंगनाथ घाटी से होटलों को हटाने का फरमान, व्यवसायियों में हड़कंप”
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.
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