Nainital: रानीबाग में बाघ जय-वीरू की अनोखी कहानी, इंसान-जानवर की दोस्ती की मिसाल

Nainital: इंसान और जानवरों के बीच संघर्ष की कहानी आए दिन सुनाई देती है लेकिन उत्तराखंड के नैनीताल की ये कहानी खास हैं। मजबूत रिश्तों की ये कहानी करीब तीन साल के दो बाघों जय-वीरू और उनकी देखभाल करने वाले चिड़ियाघर रक्षक विक्की लाल शाह की है। दो साल पहले ये दोनों बाघ अपनी मां से बिछड़ने के बाद खेतों में भटकते पाए गए। इसके बाद इन्हें नैनीताल में रानीबाग के रेस्क्यू सेंटर लाया गया।

मशहूर फिल्म शोले के दो किरदारों जय और वीरू के नाम पर इन बाघों का नाम रखा गया। इनकी देखभाल विक्की लाल शाह करते आ रहे हैं जिनसे दोनों बाघों का लगाव कुछ खास है। विक्की लाल शाह और वन प्रभाग के अधिकारियों का दावा है कि बाघ जय और वीरू उनकी कही बातों को अच्छी तरह समझते हैं और उन्हें मानते भी हैं। जय और वीरू को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में रेस्क्यू सेंटर का रुख करते हैं। दोनों फिलहाल इसी सेंटर में रहेंगे। दोनों बाघ खुद को माहौल में कैसे ढालते हैं, ये देखने के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि उन्हें चिड़ियाघर भेजा जाए या फिर जंगल में छोड़ा जाए।

चिड़ियाघर रक्षक विक्की लाल शाह ने कहा, “इन्हें बन्ना खेड़ा से आए थे। इन्हें तीन साल हो गए बन्ना खेड़ा से लाए थे तब से हम इनकी देखभाल कर रहे हैं यहां।” “जय और वीरू। दोनों मेल हैं इसलिए हमने कहा कि जिसको बुलाते हैं वो पहले उठकर आए। हां इसलिए हमें भी अंदाजा हो गया कि ये जय है या वीरू है और चेहरे से भी अंदाजा है हम को तो।” “वैसा डाइट इनकी पांच केजी है करीबन इस टाइम- बीफ, बीफ भी है और मुर्गा है और हफते में एक दिन बकरा।”

रेंज अधिकारी मुकुल चंद्र शर्मा ने कहा, “ये हम आपको बताएं कि चार-चार 2023 में ये बन्ना खेड़ा रेंज से कहीं वहां उसकी मां से बिछड़ गए थे, वहां से उनकी रेंज से हमारे वहां आए थे, बहुत छोटे थे, बिलकुल बिल्ली की तरह लेकिन हमने पाल पोस कर इनका नाम जय और वीरू रखा है और अभी अच्छे उसमें हैं काफी हाइट हो गई है और बड़े अच्छे से रहते हैं बहुत ध्यान बहुत ध्यान रखा है हर चीज का तो फिर शिकार पर देते हैं समय-समय पर तो वो पहचानते हैं बिलकुल आवाज से पहचानते हैं बैठो कहेंगे बेठो और जैसा भी उनको गाइड करेंगे वो बात को समझते हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *