Nainital: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हो रही बाघों की गिनती, मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मिलेगी मदद

Nainital:  उत्तराखंड के नैनीताल में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व अपने बाघों की गिनती कर रहा है, वर्तमान में न केवल राष्ट्रीय उद्यान के प्रशासनिक क्षेत्र में बल्कि आस-पास के वन इलाकों में भी बाघों की आबादी का पता लगाने के लिए दो अध्ययन चल रहे हैं।

वन अधिकारियों का कहना है कि इस गिनती से बाघ संरक्षण के प्रयासों में मदद मिलेगी। इसके साथ ही रिजर्व में मानव-वन्यजीव के संघर्षों को कम करने की रणनीतियों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी।

रंजन मिश्रा, मुख्य वन्यजीव वार्डन “वहन क्षमता बहुत अहम है कॉर्बेट के लिए क्य़ोंकि इसके चारों तरफ से हमारा जो फॉरेस्ट डिविजन है ना उसमें और इसमें बहुत ज्यादा अंतर नहीं है तो टाइगर वहां भी जा सकते हैं। तो इसके वजह से डब्ल्यूआईआई को स्टडी करने के लिए दिया गया था। उनका स्टडी अभी चालू है एवं हमारा अभी फेज-फोर का काम चालू है। तो उसमें हमको एक ठोस मिल जाएगा कि कॉर्बेट का एडमिनिस्ट्रेटिव सेटअप में कितने सारे टाइगर हैं एवं उसके साथ साथ हमारा जो पड़ोस में है जैसे रामनगर है तराई वेस्ट है तराई सेंट्रल है उस तरफ भी टाइगर जाने का संभावना होता है और लैंड्स डाउन में भी। वहन क्षमता की स्टडी चल रही है।”

बाघों की संख्या की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है। हालांकि, नेचर गाइड और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों सहित बाघ अभयारण्य से जुड़े लोगों का मानना ​​है कि पिछले कुछ सालों में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से अभयारण्य में इनकी आबादी ज्यादा हुई है।

राजेश भट्ट, नेचर गाइड “बाघ जो बढ़ते जा रहे हैं स्थान हमारा सीमित हैं जिसकी वजह से ये बढ़ रहे हैं और बढ़ेंगे तो उससे क्या होगा कि जो स्थानीय लोग हैं या इसके आसपास के एरिया हैं उसमें मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।

दीप राजवार, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर “क्षमता उतनी है और बाघों की संख्या जो बढ़ गई है उसकी वजह से जो कमजोर बाघ हैं जो टेरिटोरियल फाइट में मारे जा रहे हैं भागे जा रहे हैं वो गांव की बस्तियों की ओर पलायन कर रहे हैं जिससे मानव-वन्यजीव में बढ़ावा हो रहा है और साफ नियम है जंगल का जो ताकतवर है वो रहेगा और जो कमजोर है वो भागेगा या मरेगा। तो कमजोर बाघ हैं वो देखा गया है और आंकड़ों में आया है कि केदरानाथ तक जो ऊंचा इलाका है ठंडा इलाका है वहां तक बाघ पलायन कर गए हैं उसका रीजन यही है कि जो वहन क्षमता है उससे संख्या में जो बाघ हो चुकी है।”

पार्क में क्षमता से ज्यादा बाघ होने की आशंका सच है या नहीं, ये तो बाघों की गिनती पूरी होने के बाद ही पता चलेगा। बहरहाल, वन्यजीव प्रेमी और विशेषज्ञ नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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