Nainital: उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर एक नए सफारी जोन कॉर्बेट हेरिटेज सफारी जोन का उद्घाटन किया, मशहूर प्रकृतिप्रेमी और लेखक जिम कॉर्बेट के सम्मान में बनाया गया ये जोन पर्यटकों को उनके जीवन और विरासत के बारे में जानने का मौका देता है, उनकी पुस्तकों में जिन जगहों का जिक्र है, ये जोन उन जगहों पर भी ले जाता है।
रामनगर वन प्रभाग की ओर से शुरू किए गए नए पर्यटन क्षेत्र का उद्देश्य जिम कॉर्बेट के जीवन और समय के माध्यम से एक गहन यात्रा के साथ रोमांच को जोड़ना है, उम्मीद है कि नए जोन में ज्यादा पर्यटक पहुंचेंगे। नेचर गाइडों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि यह न केवल पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा बल्कि क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए मौके भी पैदा करेगा।
‘कॉर्बेट हेरिटेज सफारी’ सर्किट का उद्देश्य जिम कॉर्बेट के जीवन और समय की यात्रा के साथ रोमांच को जोड़ना है, ब्रिटिश मूल के जिम कॉर्बेट को भारत में वन्यजीवों के संरक्षण में अहम भूमिका के लिए जाना जाता है, उनका जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में हुआ था। कॉर्बेट को नरभक्षी बाघों और तेंदुओं के शिकार के लिए जाना जाता है। हालांकि, उन्होंने बाद में अपना जीवन वन्यजीवों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए समर्पित कर दिया, वह अपनी पुस्तकों के लिए भी मशहूर हैं, इन किताबों में भारतीय जंगल में उनके अनुभव और रोमांच का वर्णन है।
प्रभागीय वनाधिकारी दिगंत नायक ने कहा कि “कॉर्बेट हेरिटेज सफारी जोन को आज 17 तारीख को माननीय वन मंत्री जी के द्वारा उद्घाटन किया जा रहा है और कल से इसकी सफारी शुरू हो जाएगी। ये एक नया कॉन्सेप्ट है जहां पर बस सफारी ही नहीं, पूरा ट्रेल बना रहे हैं जहां पर हमारा कॉर्बेट फॉल्स, बाराती रॉक फॉल्स, आयरन फाउंड्री और छोटी हलद्वानी इसके साथ-साथ यहां सफारी जोन भी खोल रहे हैं। तो इसकी खासियत यही रहेगी कि जो लोग रामनगर आते हैं, जो सफारी करते हैं उनके पास एक या दो दिन के लिए कुछ बचता नहीं है देखने के लिए, तो उनके लिए ये एक अनोखा अनुभव होगा जहां पर वो लोग आकर जो कॉर्बेट ने अपनी किताब में लिखा था उसको देखेंगे, पढ़ेंगे, लिखेंगे।”
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि “यह कालाढूंगी और मोहान के लिए भी ये दो नए गेटों की आज शुरुआत हुई है, जिसमें कालाढूंगी में 60 जीपों का संचालन होगा और सैकड़ों लोगों को नेचर गाइड मिलकर रोजगार मिलेगा। ये जो 22 किलोमीटर की ट्रेल है और 42 किलोमीटर ट्रेल से, यहां जो हमारे वन्यजीव प्रेमी उन्हें यहां पर लुत्फ उठाने का अवसर मिलेगा।।”
इसके साथ ही नेचर गाइड मोहन पांडे ने बताया कि “यह बहुत अच्छा प्रयास है वन विभाग का, कालाढूंगी जो है कॉर्बेट की अपनी कर्मस्थली रही है, क़ॉर्बेट साहेब ने लिखा है अपनी किताबों में और ये जो सफारी है बहुत यूनिक सफारी बनाई गई है। इसमें जिम कॉर्बेट ने जो कहानियां लिखी हैं उनको देखने का मौका मिलेगा, उन्हें जानने का मौका मिलेगा। जिम कॉर्बेट का भी सपना था कि इससे स्थानीय लोग जुड़े और रोजगार करें। इसमें सफारी के साथ-साथ कॉर्बेट का हाउस देखेंगे, कॉर्बेट का गांव देखेंगे। इसके साथ-साथ यहां पर बर्ड वॉचिंग के लिए बहुत अच्छा एरिया है, तो बर्डिंग भी यहां पर बहुत अच्छी होती है।”