Nainital: उत्तराखंड में नैनीताल के रामनगर में कुछ महिलाएं ऊनी खिलौने बनाकर अच्छी कमाई कर रही हैं, ये महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत एक स्वयं सहायता समूह में काम कर रही हैं। महिलाएं ऊन से अलग-अलग तरह के खिलौने सिलती हैं। इन खिलौनों को खुले बाजार में बेचकर अच्छी कमाई हो जाती है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन भारत सरकार की पहल है। इसका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को कौशल-आधारित स्थाई रोजगार देकर सशक्त बनाना है।
इन स्वयं सहायता समूहों को काम बढ़ाने में कई तरह से मदद की जाती है, जैसे रियायती ब्याज दरों पर कर्ज, कई खरीदार महिलाओं के बनाए खिलौनों की गुणवत्ता और विस्तृत श्रृंखला से संतुष्ट हैं। ऊनी खिलौने राजमार्गों के किनारे बने स्मारिका दुकानों पर ऑफलाइन बेचे जाते हैं। इसके अलावा इन्हें स्वयं सहायता समूह के इंस्टाग्राम पेज पर ऑनलाइन भी बेचा जाता है, खिलौनों की कीमत 200 से 2000 रुपये तक है।
प्रबंधक भवन मेहरा ने कहा कि “यह सोविनियर हमें ब्लॉक द्वारा मिला हुआ है, ये रामनगर-कोटद्वार रोड पर है। इस सोविनियर में हम लोग मशीन के द्वारा कई करह के टॉयज बनाना सीख रहे हैं और सिखा रहे हैं जिससे आजीविका में हमारे सुधार आएगा और कई जगहों से हमें ऑर्डर मिलते हैं।”
खरीदारों का कहना है कि “हमने भी खरीदे ये खिलौने बच्चों के लिए अपने, बहुत अच्छे -अच्छे बनाए हैं। अच्छे- अच्छे खिलौने हैं और देखने में भी बहुत सुंदर हैं। बच्चों को बहुत पसंद आए, ऊन का है, पहली बार बनाया है, कितने अच्छे गणेश जी बनाए हैं।”
“उन के पिकाचू, ऊन के गणेश जी, ऊन के राम जी बना रखे हैं और पर्स बना रखे हैं। सबसे बड़ी बात है कि बहुत सॉफ्ट हैं और बहुत अच्छी उनका क्रय-विक्रय हो रहा है और बहुत लोग उनको पसंद भी कर रहे हैं। मैं अपने लिए, अपने बच्चों के लिए एक गणेश जी लाई हूं, पर्स लाई हूं, पिकाचू भी लाई हूं, देखा जाए तो इस तरह से महिलाओं को अर्निंग का साधन भी मिल रहा है, उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरी रही है और हमारे भारत मेें जैसेकि स्वरोजगार योजना जो चली है, उसके लिए एक बढा़वा मिल रहा है।”