Nainital: देश के सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट्स में से नैनीताल एक है। यहां की सुंदरता, झील और शांत माहौल काफी सुकूनदायक होता है। हालांकि बढ़ते शहरीकरण ने इस इलाके के एनवायरमेंटल एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ाई है, यही वजह है कि उन्होंने अनियोजित विकास और बढ़ती जनसंख्या से शहर को खतरे की चेतावनी दी है।
जिला प्रशासन के अनुसार, नैनीताल के कई इलाके ऐतिहासिक रूप से भूस्खलन प्रभावित रहे हैं और वो जोखिम को कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार नैनीताल में किसी भी विकास परियोजनाओं की प्लानिंग से पहले यहां के नाजुक हालात पर ध्यान देना चाहिए।
जियोलॉजिस्ट प्रोफेसर एम. पी. एस. बिष्ट ने कहा कि “नैनीताल आज अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है दो कारणों की वजह से। एक, जो हमारी मैनेजमेंट और प्लानिंग है वो कहीं न कहीं कोप-अप नहीं कर रही नेचर के साथ और दूसरी तरफ हमारी जो पॉपुलेशन डेंसिटी है, उस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं है। वो डेंसिटी जो उसकी लोड बियरिंग क्षमता जो नैनीताल की होनी चाहिए वो बिना ध्यान में रखते हुए, इग्नोर करते हुए उसको सारी चीजें कीं। इन सब चीजों का ध्यान रखा जाना चाहिए, उनको कंसीडर किया जाना चाहिए, तभी यहां की फ्यूचर प्लानिंग और बसावत होनी चाहिए।”
डीएम वंदना सिंह ने बताया कि “नैनीताल के जो अलग-अलग क्षेत्र हैं, उसमें काफी एरिया ऐसा है जो ट्रडिशनली भूस्खलन प्रभावित एरिया है और समय-समय पर राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसीज के माध्यम से उसके जो भूगर्भीय सर्वेक्षण हैं, टेक्नीकल स्टडी हैं, सब किया गया है और उनमें से कुछ एरियाज में विस्तृत डीपीआर बनाकर काम भी शुरू किया गया है, तो ये लगातार इन एरियाज में भूस्खलन प्रभावित एरियाज में दीर्घकालीन उपायों के लिए गवर्नमेंट की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं और एडमिनिस्ट्रेशन की भी विभिन्न एजेंसी इसमें लगी हुई हैं और प्रयास यहीं है कि इस खतरे को मिनिमाइज हम कैसे कर सकते हैं।”