Kailash Mansarovar: उत्तराखंड ने पांच साल बाद शुरू हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा का जहां एक बार फिर से आगाज हो गया है, चम्पावत जिले के टनकपुर टीआरसी पहुंचे मानसरोवर यात्रियों के रात्रि विश्राम करने के उपरांत शनिवार की सुबह प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर पहुंचे मानसरोवर यात्रियों से संवाद किया, उन्होंने कई प्रदेशों से पहुंचे मानसरोवर यात्रियों से यात्रा सुविधाओ के विषय में वार्ता की।
वही उन्होंने आश्वस्त किया यात्रा के दौरान यात्रियों की सभी यात्रा सुविधाओ व सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार ने सभी तैयारियों को बेहतर रखा है।यात्रियों से संवाद उपरांत सीएम धामी ने चम्पावत जिले के विभिन्न स्कूली बच्चो से वर्चुअल रूप में संवाद किया।साथ ही खेल शिक्षा सहित विभिन्न विषयों पर छात्र छात्राओं से वार्ता की, उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्कूली बच्चो को खेल सुविधाओ व शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर करने हेतु आश्वस्त किया।
मुख्यमंत्री ने 11 राज्यों से आए सभी श्रद्धालुओं से संवाद कर उनका देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत किया, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता, यह केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक जागरण का मार्ग है। उन्होंने कहा श्रद्धालु इस अद्वितीय यात्रा के सहभागी बनकर केवल यात्रा नहीं, बल्कि समर्पण की अनुभूति लेकर जा रहे हैं।
इसके बाद सीएम धामी ने 45 सदस्यीय कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले जत्थे को अगले पड़ाव पिथौरागढ़ के लिए हरी झंडी दिखा रवाना किया, हर हर महादेव के जयकारों के साथ मानसरोवर यात्री टनकपुर से यात्रा हेतु आगे के लिए रवाना हो गए।सीएम धामी ने लंबे समय बाद मानसरोवर यात्रा शुरू होने पर पहले जत्थे में आए यात्रियों में भारी उत्साह की बात कही।उन्होंने कहा की यात्रा के सुलभ सुगम व सुरक्षित होने की वह कामना करते है।
उन्होंने कहा की अब हर वर्ष यात्रा टनकपुर चम्पावत से ही संचालित होगी, वही वापसी में देश भर से आए यात्रियों को मानस खंड कोरिडोर के तहत कुमाऊं के पाताल भुनेश्वर,चौकड़ी जागेश्वर धाम कैंची धाम सहित विभिन्न प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन कराए जाने की योजना है।कुमाऊं मंडल विकास निगम बेहतरीन सुविधाओ के साथ इस यात्रा को सफलतम रूप में संचालित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र धरती के कण-कण में भगवान शिव का वास है। यह यात्रा अब केवल भौगोलिक मार्ग नहीं रही, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह सीमाओं को लांघते हुए शिव से साक्षात्कार का सशक्त माध्यम बन गई है। पहले जिस यात्रा में सात दिन या उससे अधिक का समय लगता था, अब वह कुछ ही घंटों में संभव हो सकी है।