Haridwar: उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा किनारे घाटों पर कचरा बिखरा हुआ है। उन्हें देख कर यहां के लोग और सैलानी नाराज हो रहे हैं, घाटों की यह हालत 12 दिन चले शारदीय कांवड़ यात्रा के बाद हुई है, जो 26 फरवरी को खत्म हुई। इसके बाद नगरपालिका ने लोगों से अपील की है कि वे गंगा घाटों पर सफाई बनाए रखें और एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से परहेज करें।
श्रद्धालुओ का कहना है कि “प्रशासन को इसपे थोड़ा ध्यान देना पड़ेगा। फाइन का प्रावधान लगा रखा है, लेकिन फाइन होते हुए कोई दिख नहीं रहा है यहां पे। कल रात को भी हम यहां पे आए थे। पूरा ऐसा लग रहा था कि जैसे दिल्ली का जो कचरे का जो पहाड़ है, वो यहां पर खड़ा हो रखा है। सबको यहां पे पॉलिथीन 20-20 रुपये दिया जा रहा है और सारे ऐसे ही छोड़के चले जा रहे हैं, मुझे सुरक्षा भी दिख रही है। यहां पुलिस वाले भी ऊपर खड़े हैं, लेकिन कोई किसी को रोक नहीं रहा है। ऐसे अगर हम गंदगी फैलाएंगे तो मां गंगा का तो अपमान करके हम यहां जा रहे हैं।”
इसके सटह ही कुछ लोगों का कहना है कि “यह बिल्कुल गलत चीज है। इससे जनता को थोड़ा अवेयर होना चाहिए कि मां गंगा के किनारे हम लोग इतनी गंदगी फैला रहे हैं। जिस पाप को धोने के लिए यहां आते हैं, वही पाप कर रहे हैं, ये बिल्कुल गलत है और अवेयरनेस बहुत जरूरी है इस चीज पे। प्रशासन को भी जनता को अवेयर करना चाहिए।”
हरिद्वार नगरपालिका ने कचरे की सफाई जल्द करने का भरोसा दिया है। नगरपालिका अधिकारी वरुण चौधरी ने कहा कि “शारदीय कांवड़ जैसे कल कंक्लूड हुआ है, हमारा दो दिन से लगातार ड्राइव चल रहा है। कल रात को भी हमारी ड्राइव चली। आज भी ड्राइव चली। प्रयास हमारा ये है कि हम आज शाम तक जितना भी लेफ्ट ओवर प्लास्टिक मटीरियल है, उसको क्लियर कर दें।
निगम की ओर से एंटी-प्लास्टिक ड्राइव भी चलाया जा रहा है, जिसके अंदर प्लास्टिक की बोतलें और कैन सीज करी गई हैं और जो भी कूड़ा-कर्कट फैलाते पाए जा रहे हैं, उनको ये भी बताया जा रहा है कि वो प्लास्टिक का प्रयोग ना करें और जो भी वेस्ट मटेरियल है, उसे डस्टबीन में ही डालें। इधर-उधर लिटर ना करें।”