Haridwar: धर्मनगरी हरिद्वार में विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी के साथ ही चंडी देवी और मनसा देवी जैसे प्रमुख देवी स्थल मौजूद हैं। लेकिन इनके अलावा भी कई पौराणिक मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जो अल्पज्ञात होने के बावजूद ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। अब पर्यटन विभाग इन धार्मिक स्थलों को प्रमुख श्रेणी में लाने और श्रद्धालुओं तक पहुंचाने की नई योजना पर काम कर रहा है।
हरिद्वार अपने मंदिरों और धार्मिक धरोहरों के लिए जानी जाती है। शहरी क्षेत्र के अलावा जंगलों और ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जिनका उल्लेख तो मिलता है, लेकिन वहां तक पहुंचना आसान नहीं है।इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने “अल्प ज्ञात तीर्थ स्थल यात्रा” नाम से एक नया रूट तैयार करना शुरू कर दिया है। इस रूट में उन मंदिरों को शामिल किया जा रहा है, जो पौराणिक कथाओं और धार्मिक इतिहास से जुड़े हैं, लेकिन मुख्यधारा के दर्शन स्थलों में शामिल नहीं हो पाए।विभाग की योजना है कि श्रद्धालुओं को संगठित रूप से इन स्थानों तक पहुंचाया जाए, जिससे धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिल सके।
अल्पज्ञात मंदिरों को नई पहचान मिलने की इस योजना का स्थानीय लोगों और मंदिरों से जुड़े पुजारियों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि प्रसिद्ध मंदिरों में भीड़ अधिक होती है, लेकिन छोटे और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों तक श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते।अगर नए रूट के माध्यम से इन स्थलों को बढ़ावा मिलता है तो श्रद्धालु इनके इतिहास और महत्व को जान पाएंगे। साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
धर्मनगरी हरिद्वार अपने मंदिरों, मठों और प्राचीन धार्मिक धरोहरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु यहां विभिन्न देवस्थलों के दर्शन भी करते हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग की नई योजना सफल होती है तो आने वाले दिनों में हरिद्वार की धार्मिक यात्रा में कई नए पौराणिक मंदिर भी शामिल हो जाएंगे।