Haridwar: हरिद्वार में विशाल “विश्व सनातन महापीठ” बनने जा रहा है, अब 500 नहीं बल्कि 1000 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होगा। यह महापीठ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। बल्कि यह विश्व में धर्म, शिक्षा और मानवता के पुनर्जागरण का केंद्र बनेगा।
महापीठ में विश्व का प्रथम ‘सनातन संसद भवन’ स्थापित किया जाएगा, जहाँ धर्म, नीति और संस्कृति पर वैदिक विमर्श होंगे। इसके साथ ही यहाँ एक अद्वितीय गुरुकुल भी बनाया जाएगा, जिसमें 10,000 से अधिक विद्यार्थी आवासीय रूप से वेद, उपनिषद, विज्ञान, योग, संस्कृति और शास्त्रों की शिक्षा प्राप्त करेंगे। यह गुरुकुल ‘ज्ञान और चरित्र निर्माण’ का वैश्विक केंद्र होगा, जहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार नहीं, बल्कि धर्म, कर्तव्य और मानवता की भावना को बढ़ावा देना होगा।
महापीठ का भूमि पूजन और उद्घाटन 21 नवंबर 2025 को हरिद्वार की पावन भूमि पर होगा। यह आयोजन “युग परिवर्तन की आध्यात्मिक घोषणा” के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों से संत, विद्वान और धार्मिक नेता शामिल होंगे।
महापीठ की प्रारंभिक लागत 500 करोड़ आंकी गई थी, परंतु बढ़ी हुई परिकल्पना और विशाल संरचना को ध्यान में रखते हुए अब इसका बजट 1000 करोड़ रुपये किया गया है। यह परियोजना भारत के साथ-साथ संपूर्ण मानवता के लिए एक सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रही है। महापीठ का उद्देश्य विश्व को वैदिक ज्ञान, संस्कृति और एकता का संदेश देना है। हरिद्वार एक बार फिर धर्म और मानवता के पुनर्जागरण का केंद्र बनने जा रहा है।