ग्लेशियरों को गंदगी से बचाने के लिए वन विभाग ने शुरु की एक अनूठी पहल की

नमिता बिष्ट

बागेश्वर के विश्व प्रसिद्ध ट्रैकिंग रूट पिंडारी, सुंदरढूंगा, कफनी ग्लेशियरों को गंदगी से बचाने के लिए वन विभाग ने एक अनूठी पहल की है। जिसके तहत अब ट्रैकरों को ग्लेशियरों से अपना कूड़ा हर हाल में वापस लाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें हजारों रुपयों की चपत लग सकती है।

ट्रैकरों को अपने साथ वापस लाना होगा कूड़ा
बता दें कि बागेश्वर के ट्रैकिंग रूटों पर हर साल देश और विदेश के ट्रैकर आते हैं। स्थानीय लोग भी मवेशियों के चुगान आदि कार्यों के लिए ट्रैकिंग रूटों पर जाते हैं। इससे साथ में जरूरी सामान ले जाने से ग्लेशियरों में काफी कूड़ा जमा हो जाता था। जिसकी सफाई के लिए एक विशेष अभियान चलाना पड़ता था। लेकिन इस समस्या को सुलझाने के लिए वन विभाग ने अब ट्रैकरों के लिए स्वच्छता सुरक्षा शुल्क का प्रावधान किया है।

वापसी में कूड़ा लाने पर ही मिलेगा डिमांड ड्राफ्ट
शियर रेंज के रेंजर शंकर दत्त पांडेय ने बताया कि ट्रैकिंग पर जाने वालों से सुरक्षा शुल्क के रूप में वन विभाग के नाम का डिमांड ड्राफ्ट 15 सितंबर से जमा करवाया जा रहा है। साथ ही सभी ट्रैकरों से अपना कूड़ा साथ लाने की अपील की जा रही है। वापसी में कूड़ा लाने पर ट्रैकरों को उनका डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया जाता है। बता दें कि स्थानीय ट्रैकरों के लिए यह शुल्क 2 हजार, देसी पर्यटकों, ट्रैकरों के लिए 5 हजार और विदेशियों के लिए 10 हजार रुपये है। कूड़ा न लाने पर राशि विभागीय खाते में जमा हो जाएगी।

विभाग की पहल का सकारात्मक असर
वहीं विभाग की इस पहल का सकारात्मक असर भी दिखने लगा है। ट्रैकिंग पर जाने वाले सभी ट्रैकर अपने साथ कूड़ा लेकर ही लौट रहे हैं और वन विभाग की चौकी में जमा कर रहे हैं। जहां से निस्तारण के लिए कूड़े को कपकोट नगर पंचायत के सुपुर्द कर दिया जाता है

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