लक्ष्मण सिंह नेगी
ऊखीमठ। इस साल उत्तराखंड में मॉनसून में बारिश औसत से कम हुई है। नतीजतन प्रदेश में पानी का संकट गहराने लगा है। प्रदेश में करीब ढाई हज़ार प्राकृतिक जल स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं। एक सर्वे के मुताबिक दून में कई इलाकों में 90 प्रतिशत तक पानी की कमी हो गई है।
पहाड़ों में पेयजल और सिंचाई का संकट भी गहराने लगा है। बारिश कम होने के कारण पूरे पहाड़ में दर्जनों पेयजल स्रोत सूख गए हैं और तमाम स्रोत सूखने के कगार पर हैं। बात करें रूद्रप्रयाग की तो यहां स्थित पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात तुंगनाथ धाम सहित यात्रा पड़ावों पर पेयजल आपूर्ति सप्लाई करने वाली पेयजल योजना के मुख्य स्रोत के जल स्तर पर गिरावट आने से तुंगनाथ धाम सहित चोपता – तुंगनाथ पैदल यात्रा पड़ावों पर पेयजल संकट गहरा गया है। तुंगनाथ धाम सहित पैदल यात्रा पड़ावों पर पेयजल संकट गहराने से स्थानीय व्यापारियों का व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ तुंगनाथ धाम पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
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