Dharali: उत्तराखंड के धराली में जिधर देखें, मलबा ही मलबा नजर आता है, पांच अगस्त को अचानक आई बाढ़ के बाद सिर्फ मलबा बचा है, मलबे में दबे लोगों की तलाश में कई राहत एजेंसियां लगी हैं, खोजी कुत्तों से लेकर उन्नत तकनीक तक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
एसडीआरएफ आईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि “यह जो एरिया है, इसको हमने कुछ सेक्टर्स में डिवाइड किया है और अलग-अलग यूनिट्स हैं जो काम कर रही हैं। यहां पर आर्मी की यूनिट है। आईटीबीपी है। एसडीआरएफ है। एनडीआरएफ है। पुलिस, फायर सर्विस के जवान हैं। सभी लोग मिल करके कोर्डिनेटेड तरीके से काम कर रहे हैं। फोकस इस बात पर है कि जो हमारा फोर्स काम कर रहा है, जो बेस्ट पॉसिबल रिजल्ट्स हम लोग ला सकते हैं, उसको बिना किसी चीज से कॉम्प्रोमाइज किए कैसे हम अचीव कर सकते हैं, इसपर हम लोग फोकस कर रहे हैं।”
प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है। उन्हें राशन, कपड़े और दूसरे जरूरी सामान बांटे जा रहे हैं, धराली के लोग अब खंडहरों के बीच रह रहे हैं। वे राहत एजेंसियों से मिल रही मदद के लिए आभारी हैं। इससे उन्हें तबाही से उबरने में मदद मिल रही है।
“हमारे जो एसडीआरएफ वाले, आर्मी वाले और ये आईटीबीपी वाले हैं, बहुत मदद की उन्होंने। “सारी व्यवस्था की, जिस दिन बारिश हुई, हम ऊपर भाग गए। हमें आर्मी वाले ले गए भैरव घाटी। तीन-चार दिन हम वहां रहे। खाने-पीने का दिए। कपड़-वपड़े दिए। फिर जब सीएम आए, यहां के मुख्यमंत्री, उन्होंने बुलाया सारी महिलाओं को। तब हम यहां आए। उन्होंने कहा, आप लोग घबड़ाओ मत, हम हेलीकॉप्टर से आपके लिए सेवा करेंगे, जितना भी हो सके। सारी राशन वगैरह, पूरी अच्छी व्यवस्था कर रखी है सरकार से।”
प्रशासन ने अंतरिम मुआवजे के तौर पर प्रभावितों को पांच लाख रुपये का चेक बांटना शुरू कर दिया है, इसका वादा मुख्यमंत्री ने किया था।
उत्तरकाशी डीएम प्रशांत आर्य ने कहा कि “यहां पर राहत शिविर जो हमारा चल रहा है, धराली गांव में, इसी में हमने यहां पे सबको इकट्ठा करके, जो हमारी प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसमें जिनका नुकसान हुआ है, उन परिवारों को हम पांच लाख का माननीय मुख्यमंत्री के घोषणा क्रम में आज डिस्ट्रिब्यूट कर रहे हैं। माननीय विधायक जी और किशोर भट जी हैं। आपके थ्रू हम डिस्ट्रिब्यूट कर रहे हैं।
हालांकि यहां भारी नुकसान हुआ है, फिर भी सरकारी सहायता से पीड़ितों को थोड़ी राहत मिली है। अधिकारी घरों, खेतों और फसलों को हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द उनका मुआवजा दिया जा सके।