Dehradun: उत्तराखंड परिवहन विभाग राज्य में सड़क किनारे ऑटोमोबाइल वर्कशॉप चलाने वाले मैकेनिकों के लिए लाइसेंस, तकनीकी प्रशिक्षण और न्यूनतम मानक अनिवार्य बनाने के लिए नई पॉलिसी तैयार कर रहा है।
देहरादून के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के मुताबिक, ये कदम सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है, अधिकारियों ने बताया कि सभी मैकेनिकों के लिए स्किल-डेवलपमेंट कोर्स को जरूरी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
हालांकि कई मैकेनिक इस बात से परेशान हैं कि नए नियम लागू होने पर उनकी रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है। उन्हें डर है कि जो लोग दशकों से इस काम में लगे हैं उन्हें नए सर्टिफिकेट के लिए शर्तों को पूरा करने में परेशानी हो सकती है।
वहीं कुछ लोग सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा दौर में मैकेनिकों के लिए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम व्यापार के लिए फायदेमंदर साबित होगा।
राज्य परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, नई पॉलिसी अभी ड्राफ्ट की जा रही है, और इसे अंतिम रूप देने के लिए सभी हितधारकों के सुझावों को शामिल किया जाएगा।
आरटीओ अधिकारी संदीप सैनी ने बताया कि “भारत सरकार का फोकस है सड़क सुरक्षा पर कि कम से कम एक्सीडेंट हो और उन्हें फेटैलिटीज कम से कम हो। अगर हम सबस्टैंडर्ड पार्ट लगाएंगे, जब भी हम वर्कशॉप और मैकेनिक्स से भी जो बात कर रहे हैं,
अभी हमारे को ये कंफर्म नहीं कि यहां पर कौन से पार्ट्स लगाएं जाएंगे, मतलब यहां ऑथराइज्ड कंपनी के पार्ट्स लगाए जा रहे हैं कि नहीं क्योंकि कोई भी मैकेनिकल डिफेक्ट्स आता है तो उसमें एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है तो सड़क सुरक्षा को और दृढ़ करने के लिए सरकार द्वारा ये कदम उठाया जा रहा है कि इन सभी को ऑथराइजेशन के नेट में लाया जाए और जेनवन पार्ट जो मैन्युफैक्चरर द्वारा होेते हैं, वो ही उसमें लगाया जाए।”