Dehradun: मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में स्वच्छ उत्सव का किया गया आयोजन

Dehradun: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आज देहरादून के गांधी पार्क में एक विशेष स्वच्छ उत्सव का आयोजन किया गया, यह कार्यक्रम 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता सेवा पखवाड़ा का हिस्सा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को उनके जन्मदिन की बधाई दी और स्वच्छता के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा स्वच्छता अभियान में आपदा पीड़ितों के बीच जाकर उनकी मदद करना, भारत को स्वच्छता के नए आयामों पर पहुंचा रहा है, यह महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि एक संकल्प, एक आंदोलन और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य का वचन है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण भी किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को स्वच्छता की शपथ दिलाई और शहर को स्वच्छ रखने के लिए एक स्वच्छता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने सफाई कर्मियों से संवाद कर उनकी समस्याएं भी सुनी।

मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान राज्य की स्वच्छता प्रगति पर बताया कि स्वच्छ वायु सर्वेक्षण के परिणामों में देहरादून नगर निगम को देश भर में 19वां स्थान मिला है, जो पहले से बेहतर है। इसके अलावा, स्वच्छ शहरों की रैंकिंग में देहरादून ने 62वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि यह रैंकिंग इस बात का प्रमाण है कि हम अपने शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त बनाने में कामयाब हो रहे हैं। उन्होंने जनता से इस शपथ को धरातल पर उतारने और रैंकिंग को और बेहतर बनाने की अपील की।

मुख्यमंत्री ने देहरादून में स्वच्छता व्यवस्था में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 6 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। नगर निगम देहरादून द्वारा सफाई से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए 24×7 चालू रहने वाले स्वच्छता कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है।

इसके अलावा नियमित कूड़ा उठाने, सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करने और विभिन्न टीमों का गठन करने जैसे प्रयास भी शहर के सफाई अभियान को नई दिशा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वच्छता को केवल एक सरकारी अभियान न मानकर अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों को पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

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