Dehradun: तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उस समय भावुक हो उठीं जब दृष्टिबाधित बच्चों के एक ग्रुप ने उनका 67वां जन्मदिन मनाने के लिए उनके लिए गीत गाए।
दृष्टिबाधित बच्चों के एक समूह ने यह जब यह गीत गाए तो राष्ट्रपति भावुक हो गईं। राष्ट्रपति ने देहरादून स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एंपावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसेबिलिटी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उनका गीत सुनकर वो बेहद भावुक हो गईं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “मैं अपने आंसू रोक नहीं सकी, वह बहुत ही सुंदरता और दिल से गा रहे थे।” बता दे कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड दौरे पए हैं, उन्होंने यहां नव-निर्मित राष्ट्रपति निवास का उद्घाटन किया, जिसे अब ‘राष्ट्रपति निकेतन’ नाम दिया गया है।
राष्ट्रपति 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पुलिस लाइन में आयोजित योग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि “छोटे-छोटे बच्चे द्वारा प्रस्तुत मनोरंजन सांस्कृतिक कार्यक्रम में हम सब ने उनकी प्रतिभा अभी देखी। मेरी आंखो से तो पानी रुके नहीं रुका ये मुझे लगता है कि गले से नहीं गा रहे थे हृदय से गा रहे थे। जैसे की मां सरस्वती खुद उनके गले में बैठी हैं और वो गा रही हैं। कहा जाता है कि भगवान किसी के अंग शरीर में कम कर देते हैं तो ऐसे अंग ,ऐसे सेंस भर देते हैं कि दूसरों से अलग होता है। उसको एक अलग बना देते हैं।”
“सुगम्य भारत अभियान के माध्यम से सरकार दिव्यांगजनों सशक्तिकरण और समान भागीदारी के लिए प्रयत्नशील है, भारत का इतिहास संवेदनशीलता एंव समावेशिता के प्रेरक प्रसंगों से भरा पड़ा है।”