डीएवी पीजी कॉलेज के शिक्षकों की नेतागिरी पर प्रिंसिपल ने रोक लगा दी है। कांग्रेस, भाजपा, एबीवीपी जैसे संगठनों और धार्मिक संगठनों से जुड़े शिक्षकों को 26 नवंबर तक इस्तीफा देना होगा। साथ ही कॉलेज में यह घोषणापत्र जमा कराना होगा कि वह किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से नहीं जुड़े हैं। प्रदेश की मुख्य धारा की राजनीति हो या छात्र राजनीति, डीएवी कॉलेज की सहभागिता दोनों में रहती है। एक ओर जहां कॉलेज से पासआउट छात्रों ने मुख्य धारा तक की राजनीति में नए आयाम छुए हैं तो वहीं कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने विधानसभा तक के चुनाव लड़े हैं। कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन खुद भाजपा में पदाधिकारी रह चुके हैं।
लेकिन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केआर जैन ने बुधवार को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी शिक्षकों को इस बात की शपथ लिखित में लेनी होगी कि वह किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन से नहीं जुड़े हैं। यह शपथ उन्हें 26 नवंबर तक लेनी होगी। इसके बाद अगर कोई भी शिक्षक किसी संगठन में सक्रिय पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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