Baisakhi: पूरे देश में दिखी बैसाखी की रौनक, श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान किया

Baisakhi: पूरे देश में और खास कर उत्तर भारत में रविवार 13 अप्रैल को बैसाखी का त्योहार पूरे उत्साह से मनाया गया। बैसाखी के मौके पर श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में स्नान किया। उत्तराखंड के हरिद्वार में हजारों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए हर की पौड़ी पहुंचे। स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के हिसाब से पूरे इंतजाम किए।

कई श्रद्धालुओं ने बेहतरीन इंतजामों के लिए प्रशासन की तारीफ की। पंजाब के अमृतसर में श्रद्धालु सुबह से ही स्वर्ण मंदिर की अमृत सरोवर में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंचे। पुण्य स्नान के बाद कुछ श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में सेवा भी की। दिल्ली के कनॉट प्लेस में बैसाखी का जश्न मनाया गया। चैरिटेबल ट्रस्ट सन फाउंडेशन ने ‘रन फॉर बैसाखी’ का आयोजन किया।

बैसाखी के मौके पर गुरु गोविंद सिंह के सबकों को भी याद किया गया। गुरु गोविंद सिंह ने बैसाखी पर ही खालसा पंथ की स्थापना की थी। बैसाखी के मौके पर वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा हुआ। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से यात्रा पंजीकरण केंद्र निर्धारित समय से लगभग तीन घंटे पहले ही बंद करना पड़ा।

हरिद्वार के सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस पंकज गैरोला ने कहा, “पूरे मेला क्षेत्र को चार सुपर जोन, तेरह जोन और चालीस सेक्टर में बांटा गया है। इसमें पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है इसमें तीन एडीशनल एसपी और तेरह डिप्टी एसपी और सभी सेक्टर्स में सब इंस्पेक्टर को एसओ को यहां पर सेक्टर ऑफिसर बनाया गया है। हाईवे को नियंत्रण से चलाने के लिए अलग से सुपर जोन बनाया गया है, जिससे हाईवे नियंत्रण रूप से चल रहा है।”

राजस्थान से हरिद्वार आए श्रद्धालुओं का कहना था, “राजस्थान से आए हुए हैं हम तीन दिन से आए हैं। पहले हम कभी आए नहीं थे हरिद्वार लेकिन जो सुना था उससे कहीं अकल्पनीय, अविश्वसनीय और अद्भुत जो नजारा है गंगा घाट का और गंगा आरती का ऐसा जीवन में कभी नहीं देखा और ना कभी शायद कभी देख पाएंगे। इसलिए, जब कभी भी अब समय मिलेगा, अगली बार हम शीघ्र ही जरूर आएंगे यहां। जी स्नान भी है, इसलिए हमने विशेष स्नान के लिए हमने एक दिन का स्टे ज्यादा किया क्योंकि हम स्नान कर सकें और बहुत ही शानदार अनुभव था और बस गंगा मैया का आर्शीवाद सब पर बना रहे। हर-हर गंगे।”

श्रद्धालुओ ने कहा, “आज खालसा साजना या बैसाखी का त्यौहार है। इस दिन गुरु जी ने हमें आशीर्वाद दिया था। हम कल यहां आए थे। कल और आज सुबह हमने गुरु महाराज जी के दर्शन किए। हमने लंगर परोसने जैसी सेवा में भी हिस्सा लिया। हम अपने बच्चों के साथ आए हैं और उन्हें बताया कि आज खालसा पंथ की स्थापना हुई है। आज बैसाखी का दिन है और सबको इसी दिन गुरु गोविंद सिंह महाराज ने अम्रदान करा के खालसा पंथ की स्थापना की थी और उनके कृपा से आज लोग बैसाखी का त्यौहार बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मना रहे हैं। मैं श्री गुरु हरमंदिर साहिब की दिव्य उपस्थिति में इस पावन दिवस पर सभी को बधाईयां लख-लख बधाइयां।”

डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा, “ये जो मैराथन है हर साल यहां कराते हैं दिल्ली के कनॉट प्लेस में। आप देख रहे हैं हजारों बच्चे, 5,000 से भी ज्यादा बच्चे इस बार बहुत उत्साह हैं। इसका टाइटल ही यही है ‘वन ह्यूमन, वन रेस’ मैं समझता हूं कि जो गुरु गोविंद सिंह जी का संदेश है वो हम हर घर में पहुंचा रहे हैं युवा को पहुंचा रहे हैं कि ‘वन ह्यूमन, वन रेस’।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *