Varanasi: उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए तो मशहूर है ही, साथ ही ये लकड़ी के खिलौनों का भी एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है, त्योहारी सीजन में हाथ से बने इन खिलौनों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
स्थानीय कारीगरों का कहना है कि मांग में ये बढ़ोतरी न केवल घरेलू बाजार को बढ़ावा दे रही है बल्कि इसका दायरा अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक भी फैल रहा है, उन्होंने बताया कि क्रिसमस आने वाला है, ऐसे में विदेशों से भी लकड़ी के सजावटी खिलौनों का थोक ऑर्डर भारी मात्रा में मिल रहा है, जो पिछले साल की तुलना से कहीं ज्यादा है।
लकड़ी के खिलौने उद्योग में एक समय में भारी गिरावट थी, लेकिन अब वो एक ऐसे सेक्टर के तौर पर विकसित हो गया है, जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा है। इसके साथ ही बेहतरीन और अच्छी क्वालिटी वाले लकड़ी के शिल्पकारी के लिए वाराणसी वैश्विक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
सुभी अग्रवाल, लकड़ी का खिलौना बनाने वाली “हम लोगों के बनारस में लकड़ी के खिलौने बनते हैं, जो जीआई टैग के हैं और ये हम लोगों की तीसरी जनरेशन है और चौथी जनरेशन मेरी बेटी इस काम को कर रहे हैं। ये हम लोगों के लिए बहुत अच्छी बात इस साल है कि बनारस में जो लकड़ी के खिलौने बनते हैं, तो हमने बनारस में लकड़ी से क्रिसमस का आइटम बनाया है और क्रिसमस में आइटम जो है इंडिया के बाहर काफी कम मात्रा में जाते हैं। तो इंडोनेशिया से काफी वहां से लोग पसंद करते हैं, लेकिन पहली बार भारत में और बनारस में इस काम का ऑर्डर हमको मिला है और बहुत ही अच्छा है कि इस काम को पिछले दो महीने से हम लोग कर रहे हैं और इसमें हम लोग 60-70 लोग लगे हुए हैं।”
बिहारी लाल अग्रवाल, लकड़ी का खिलौना बनाने वाले “हम लोगों को ये क्रिसमस हैंगिंग के 10 हजार पीस का ऑर्डर मिला है और ये एक कंपनी है स्पेन स्थित, उनकी तीन ब्रांच हैं पूरी दुनिया में, तो उन्होंने वहां पर क्रिसमस में ये लोग गिफ्टिंग करने के लिए और घर को सजाने के लिए यूज करते हैं, तो उन्होंने हमको ये ऑर्डर दिया है। ये हम लोगों ने जो क्रिसमस की पांच शुभ चीजें होती हैं, क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज, बेल, स्टार, एंजल इनकी फीगर बनाकर हैंगिंग बनाई है, जो दरवाजों के साइड पर लगती है।”