Varanasi: वाराणसी के दुर्गा बाड़ी मंदिर में स्थापित देवी दुर्गा की इस मूर्ति का एक दिलचस्प इतिहास है। तकरीबन 250 साल पहले इस मूर्ति को यहां स्थापित किया गया था।
कहा जाता है कि इस मूर्ति एक मुखर्जी परिवार ने स्थापित कराया था, दुर्गा बाड़ी मंदिर में भक्तों की गहरी आस्था है। इस ऐतिहासिक मूर्ति को मिट्टी, पुआल और अन्य प्राकृतिक चीजों से बनाया गया था और सबसे खास बात ये है कि इस मूर्ति का रंग आज भी वैसा ही है जैसा 250 साल पहले था।
केयरटेकर रीना ने कहा कि “यह मां 1767 में इनकी स्थापना की गई थी तो उसी टाइम दुर्गा पूजा में मां को बैठाया गया था। दशहरे वाले दिन दिन जब मां को उठाने गए विसर्जन के लिए तो मैं उठे नहीं है। फिर दो दिन और प्रयास किए तो नहीं उठे, तो मां ने घर के मुखिया को सपना दिया, बोला कि मुझे उठाने का प्रयास ना करो। मैं काशी वास करना चाहती हूं। मैं ऐसा कुछ नहीं चाहती मैं गुड़ और चना में संतुष्ट हो जाऊंगी। इसी में आप लोग मेरी सेवा करो।”
श्रद्धालुओ का कहना है कि “जब यहां मूर्ति स्थापित की गई थी तो उसके बाद उसको प्रवाह करने के लिए उठाने गए तो मूर्ति यहां से उठी नहीं और तब से यहां पर स्थापित है। ऐसा ही मान्यता है यहां की, बहुत पुराना है मंदिर, 250 साल पुराना, हम लोग आए हैं दर्शन करने, आते रहते हैं हमेशा।”