Varanasi: वाराणसी नगर निगम ने कहा है कि नवरात्रि के दौरान उसके क्षेत्र में सभी मछली और मांस की दुकानें बंद रहेंगी, नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस निर्णय की घोषणा करते हुए महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि काशी के धार्मिक महत्व और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नवरात्रि के दौरान सभी मछली और मांस की दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी दुकानदार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, हालांकि इस निर्णय की पार्षदों के एक वर्ग ने कड़ी आलोचना की है, जिन्होंने तर्क दिया है कि इससे हजारों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी। वाराणसी नगर निगम में 100 पार्षद हैं, जिनमें 14 मुस्लिम समुदाय से हैं। अलीपुर पार्षद रजिया बेगम ने कहा कि यह निर्णय 12 सदस्यीय कार्यकारी परिषद और महापौर द्वारा लिया गया है।
उन्होंने कहा, “जब यह सदन में आएगा तो हम इस निर्णय का विरोध करेंगे।” पार्षद ने तर्क दिया कि पूरे नौ दिनों की अवधि के लिए व्यवसायों को पूरी तरह से बंद करना अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “इससे हाशिए के समुदायों के हजारों लोग, जो इन मांस की दुकानों को चलाते हैं, अपना व्यवसाय खो देंगे।” नवरात्रि उत्सव 30 मार्च से शुरू होगा और 6 अप्रैल को समाप्त होगा।
नगर निगम अधिकारी नरसिंह दास ने कहा कि “नगर निगम वाराणसी की कार्यकारिणी बोर्ड की बैठक हुई उसमें एक प्रस्ताव आगामी नवरात्रि माह में शहर में नगर निगम सीमा में मास, मछली, मुर्गे का जो व्यवसाय करने वाले लोग हैं उस पर प्रतिबंध लगाया गया है।”
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