Uttar Pradesh: नोएडा में पुलिस ने फर्जी कागजात के ज़रिए आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड किया है। पुलिस ने इस गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। सेंट्रल नोएडा के बिसरख थाना पुलिस ने ये कार्रवाई की है। आरोपितों ने सरकारी वेबसाइट का नाम लिखकर फर्जी वेबसाइट बनाई थी।
ये लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिये आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, रेंट एग्रीमेंट, निवास प्रमाण पत्र बनाने का काम बीते 5-6 सालों से कर रहे थे। जिसके जरिए हर महीने 6 से 7 लाख रुपए कमा रहे थे। इन आरोपियों के पास से पुलिस को 10 मोबाइल फोन, 02 लैपटॉप, 06 CPU व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। रोजना 20 से 25 हजार रुपये कमाते थे।
हैरानी की बात तो ये है कि इस गिरोह में निजी बैक में काम करने वाला कर्मचारी और उसकी बेटी भी शामिल थी। आरोपितों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज, लैपटॉप और मोहरे बरामद की गई हैं।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जिसमें कुछ बैंककर्मियों और कुछ कॉल सेंटर के मालिक और कर्मचारियों की मदद से कुछ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर असली आधार कार्ड बन रहे थे। इसमें कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। जिसमें से दो मौजूदा समय में प्राइवेट बैंक में कर्मी हैं। 7 लोग ऐसे गिरफ्तार किए गए हैं जो कॉल सेंटर में इस तरह के सर्विस सेंटर में काम करते हैं।
डीसीपी अवस्थी ने बताया कि आरोपियों ने इस चीज का भी ख्याल रखा कि जब वह फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए तो उसमें जो क्यूआर कोड है, जिस वेबसाइट पर रीडायरेक्ट हो वह वेबसाइट बिल्कुल ओरिजिनल वेबसाइट की तरह दिखती हो, लेकिन वह उनके द्वारा बनाई गई एक फर्जी वेबसाइट थी। इन्होंने gov.in नाम से एक डोमेन नाम ले रखा है जिससे वह असली की तरह दिखे लेकिन वह नकली है। इसने अन्य लोगों को नौकरी पर रखा हुआ था जो इस तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चुके हैं। यह लोग एक डॉक्यूमेंट का दो से ₹3000 लेते थे। इनकी रोजाना की इनकम 15 से ₹20000 की थी। यह पिछले 6 साल से लगातार इस काम को कर रहा था, इसमें दो अन्य बैंक कर्मियों की भी मदद ली जा रही थी।