Uttar Pradesh: कानपुर के रैन बसेरों का लेखा-जोखा

Uttar Pradesh: मौसम धीरे-धीरे सर्द होता जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कानपुर के ‘रैन बसेरों’ में शरण लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। कुछ रैन बसेरों का रखरखाव अच्छी तरह किया जा रहा है, जबकि कई बसेरों में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।

भैरव घाट रैन बसेरा में करीब 50 लोग रह सकते हैं। बसेरे की देखभाल करने वाले ने बताया कि यहां बिस्तर और कंबल जैसी तमाम बुनियादी सुविधाएं हैं। इस रैन बसेरा में शरण लेने वाले यहां की व्यवस्था से संतुष्ट हैं। उन्हें ठंड से बचने के लिए अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं।

हालांकि हुलगंज में रैन बसेरा की हालत इतनी अच्छी नहीं है। इस रैन बसेरा में आधार कार्ड वालों को पहली मंजिल पर बिस्तर मिलता है, जबकि बिना पहचान पत्र वाले निचली मंजिल पर बिना गद्दे के रहते हैं।

नवाबगंज इलाके में भी एक रैन बसेरा है। यहां रहने वाले एक शख्स ने बताया कि हादसे में घायल होने के बाद पुलिस ने उसे वहां छोड़ दिया था। इस रैन बसेरे में इलाज की कोई सुविधा नहीं है।

शहर के रैन बसेरे हर सर्दियों में बेघरों का आशियाना बन जाते हैं। कई रैन बसेरों में रहने की अच्छी सुविधाएं हैं, लेकिन कई बसेरे प्रशासन से हालात सुधारने की अपील कर रहे हैं।

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