Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले का खुर्जा सिरेमिक बर्तनों के लिए दुनिया भर में मशहूर है, सरकार ने खुर्जा के सिरेमिक बर्तनों को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत मान्यता दी है। खुर्जा पॉटरी इंडस्ट्री हजारों कामगारों को रोजगार देती है।
कामगारों के अलावा खुर्जा पॉटरी कई व्यापारियों की भी आमदनी का जरिया है, व्यापारियों ने बताया कि दिवाली से पहले रंगीन, महीन डिजाइन वाले सिरेमिक बर्तनों की मांग घरेलू और विदेशी बाजारों में बढ़ गई है। कुछ पॉटरी बनाने वालों ने बताया कि इस दिवाली में भारी मांग पूरी करने के लिए उन्होंने ज्यादा मजदूरों को काम पर लगाया है। उन्होंने सामानों की किस्में और विकल्प भी बढ़ा दिए हैं।
इंडस्ट्री से जुड़े कामगार भी बताते हैं कि इस त्योहारी सीजन में सिरेमिक बर्तनों की मांग काफी बढ़ी है, खुर्जा में सिरेमिक पॉटरी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि उनके सामानों की मांग और बढ़ेगी और दिवाली पर उनके जीवन को खुशियों से सराबोर करेगी।
पॉटरी एसोसिएशन खुर्जा सचिव कृष्ण गोपाल ने कहा कि “लगभग खुर्जे में सभी तरह के प्रोडक्ट बनते हैं और दीपावली के पर्व पर गिफ्टिंग आइटम ज्यादा बनाए जाते हैं और ये अक्टूबर में पूरे जो है गिफ्टिंग आइटम ही चलता है। लगभग हमारे देश में 30 राज्य है और 30 राज्यों में ही खुर्जा की क्रॉकरी जाती है। इसके अलावा नेपाल, भूटान और ब्राजील और देशों में भी हमारा जो है प्रोडक्ट जाते हैं।”
फैक्ट्री मालिको का कहना है कि “इस बार दिवाल काफी अच्छी गई है। इस बार ऑर्डर काफी अच्छे हैं, जैसे कि हर बार की तरह इस बार भी हमें दिवाली के त्योहार पर एक्स्ट्रा प्रोडक्शन रहती है। बाहर से लेबर अरेंज करनी होती है और इस बार क्रॉकरी में कुछ नई चीजें आएंगी, जैसे कि आप देख पा रहे हैं गोल्ड मग लेकर आए हैं इस बार, कुछ अलग तरह के मग हैं ये। ठेली है जो काफी डिमांड रही है तो इस बार ऑर्डरों की डिमांड ज्यादा है जो की हमने शादी, ब्याह के भी ऑर्डर हैं इस टाइम पर, हम दिवाली के बाद के भी ऑर्डर बुक कर रहे हैं।”
इसके साथ ही कहा कि “इस बार बहुत अच्छा है और साल के मुकाबले ऑर्डर ज्यादा हैं। पहले क्या एंटी डंपिंग नहीं होने की वजह से बहुत सारा माल विदेशों से आ जाता था और हम को वो अपॉर्चुनिटी नहीं मिल पाती थी। इस साल क्या है कि ये होने की वजह से, एंटी डंपिंग लगने की वजह से बहुत सारी अपॉर्चुनिटी हमारे पास हैं। हम को एक्सट्रा कारीगर लगाकर और ये सब कराने पड़ रहे हैं उसके बाद भी ऑर्डर नहीं पूरे हो पा रहे हैं और क्रॉकरी को ओडीओपी की वजह से बहुत प्रोत्साहन मिला है। पहले खुर्जा को कोई अच्छे से जानता भी नहीं था, लेकिन ओडीओपी आने के बाद और खुर्जा की पहचान बढ़ी है।”