Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में सोमवार की सुबह मौसम बेहद खराब रहा। आसमान में काले बादल छाए रहे और राज्य के बड़े हिस्से में घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई थी और पारा भी काफी लुढ़क गया था। मौसम की इस मार से अधिकांश क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
घने कोहरे के कारण फतेहपुर में सड़कें सुनसान हो गईं। यहां के ज्यादातर लोग ठंड से बचने के लिए घरों में सिमटे रहे, वहीं बेघर और दिहाड़ी मजदूर ठिठुरन से बचने के लिए सड़कों के किनारे जलाई गई अलाव से खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे थे।
फतेहपुर के पड़ोसी शहर आगरा में भी कोहरे के कहर ने विश्वप्रसिद्ध ताजमहल को भी नहीं बख्शा, सुबह के घने धुंध में दूर से केवल उसकी परछाई ही दिखाई दे रही थी। उन्नाव में लोगों ने कहा कि बीते कुछ दिनों में कोहरा और भी घना हो गया है, जिससे तापमान काफी गिर गया है और लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कानपुर में कड़ाके की ठंड ने बेघरों और दिहाड़ी मजदूरों को बुरी तरह प्रभावित किया है। फुटपाथ के किनारे जिंदगी बसर करने वाले इन बेसहारा लोगों को ठंड भगाने के लिए अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। कानपुर से लगभग 200 किलोमीटर दूर अमेठी में ठंड से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। न केवल मनुष्य बल्कि आवारा पशु भी भीषण गलन से जूझ रहे हैं।
प्रयागराज आने वाले पर्यटकों समेत कई लोग ठंड से बचने के लिए आश्रय गृहों में शरण ले रहे हैं। उनमें से कई का कहना है कि ये आश्रय गृह बहुत अच्छे हैं, जिससे उन्हें भीषण गलन के वातावरण में काफी राहत मिल रही है। उत्तर प्रदेश के अधिकांश कस्बों और शहरों में घने कोहरे के कारण ठंड का सामना करना एक चुनौती बन गया है, वहीं अयोध्या और वाराणसी आने वाले लोगों का मानना है कि ठंड ने दोनों पवित्र शहरों के आकर्षण को और भी बढ़ा दिया है।
इसी तरह श्रावस्ती में रहने वाले लोग, खासतौर पर किसान समुदाय मौसम में आए इस बदलाव का स्वागत कर रहे हैं। उनके मुताबिक कोहरा गेहूं जैसी फसलों के लिए बेहद फायदेमंद है। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में कोहरा और भीषण ठंड पड़ने की संभावना है।