Uttar Pradesh: महाकुंभ मेले के दौरान चेहरे की पहचान करने वाले कैमरों के सफल प्रयोग के बाद, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य भर के मंदिरों में इसी तरह के कैमरे करने के लिए पायलट परियोजना शुरू की है। लखनऊ के अलीगंज में मौजूद हनुमान मंदिर में ये कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं, जो शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। ये पहल भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को पुख्ता करती है।
AI के जरिये चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली लोगों की पहचान करती है, संदिग्धों को चिह्नित करती है और अधिकारियों को संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन करने के लिए भीड़ का रीयल टाइम डेटा भी उपलब्ध कराती है। इस पहल के साथ उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग धार्मिक पर्यटन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। इससे ये पक्का हो सकेगा कि हर साल इन जगहों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक यात्राएं सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनी रहें।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “उसमें AI तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जिस तरीके से चेहरों को पहचानना, संदिग्ध है तो उसको आइटेंडिफाई करना, आइटेंडिफाई है तो उसकी कुंडली को पूरा तकनीक से खंगाल लेना। ये सब कार्य संपन्न किए गए हैं उसी तकनीक का प्रयोग करके। हम लोग ऐसे डेस्टिनेशन हैं खास रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक उत्तर प्रदेश के जो स्थल हैं, जहां व्यापक रूप से श्रद्धालुओं की प्रतिदिन आवक होती है। श्रद्धा के साथ लोग वहां पर आते हैं। वहां पर इस तकनीक का प्रय़ोग करने का काम हम लोग शुरू किए हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं समझता हूं इस तकनीक के बाद हमें क्राउड मैनेजमेंट में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। जो ट्रस्ट है मैनेजमेंट है उसको पर्यटकों की संख्या का अनुमान लगाने में किस समय में कितनी भीड़ कब रहती है उसके लिए मदद मिलेगी। पर्यटन विभाग को वास्तविक संख्या की जानकारी भी होगी और अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति कोई आइडेंटिफाई होता है तत्काल उस पर एक्शन लेने के लिए भी पुलिस को और सुरक्षा एजेंसियों को पता चल सकेगा।”