Uttar Pradesh: पुलिस हिरासत में नाबालिग की मौत के बाद तनाव

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के बस्ती में कथित तौर पर पुलिस द्वारा की गई पिटाई की वजह से 17 साल के आदर्श उपाध्याय की मौत हो गई। नाबालिग की मौत के बाद दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभई गांव में तनाव के हालात पैदा हो गए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से आदर्श की मौत हुई है। हालांकि इस मामले में दो कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

पुलिस के मुताबिक मृतक आदर्श उपाध्याय गाय चराने गया था। इस दौरान उसकी किसी बात को लेकर किसी से कहासुनी हो गई थी। इसके बाद उस शख्स ने पुलिस को बुला लिया और फिर पुलिस आदर्श को अपने साथ ले गई। आरोप है कि पुलिस ने उसे छोड़ने के लिए पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

जब पैसे नहीं दिए गए, तो पुलिस ने आदर्श को अगले दिन यानी 25 मार्च की शाम तक हिरासत में रखा। परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने थाने में उसकी बुरी तरह पिटाई की। जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे घर ले जाया गया और फिर अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, उसकी जान नहीं बच पाई।

CO सत्येंद्र भूषण तिवारी ने जानकारी दी, “शाम को लगभग चार बजे के आस-पास टीआरबी को एक सूचना प्राप्त हुई है। जहां पर एक किशोर जिसको अस्पताल में रेफर किया गया था जहां पर उसकी डेथ हो गई है इस संगत में सूचना थी। इस संबंध में जब मौके पर पुलिस पहुंची परिजनों से बातचीत हुई उन के द्वारा ये बताया गया कि एक थाना दुबौलिया के ये लोग रहने वाले हैं ,वहां एक अबाई गांव है किसी घटना के सिलसिले में इन से पूछताछ की गई थी, परिजनों का ऐसा कहना है, आरोप है कि पुलिस द्वारा इस संबंध में उचित कार्रवाई नहीं की गई।”

मृतक की मां ने कहा, “कल लेकर गए थे कल पकड़ कर लेकर गए थे कल वहीं रखे थे कल दिन और रात वहीं रखे थे। खूब मारे पीटे थे जो भी किया। सुबह जबरदस्ती फोन पर फोन कर रहे थे पूरे गांव को फोन, प्रधान को फोन किए। प्रधान आए हमारे घर कोई नहीं था हमारा एक छोटा बेटा कोचिंग गया था, वो कोचिंग पढ़ने गया था, वो एक बजे आया स्कूल से तब हम उसको और हम बोल रहे थे कि थाने पर आओ नहीं तो कहीं भेज देंगे उसे पता नहीं लगेगा वो कहां चला गया।”

मृतक के पिता ने बताया, “चार सिपाही आए थे, दो सादे ड्रेस में थे और दो ड्रेस में थे। एक शिवम थे और एक और कौन सा नाम था वो तो हमको याद ही नहीं है। और साहब कह रहे हैं हम बुला रहे बुला रहे हैं और अब कोई दिखाई नही दे रहे हैं। बच्चे को लेकर गए रात तीन बजे। उसको रात में भी मारे होंगे, रास्ते में भी मारे होंगे तब मारे होंगे तब मारे हैं। चार बजे या पांच बजे उसको दिए हैं।”

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