Uttar Pradesh: प्रयागराज में संगम के किनारे बीचों-बीच एक गली में मौजूद मंदिर की लोगों के बीच कितनी मान्यता है। इसका अंदाजा यहां लगे हजारों तालों से लगाया जा सकता हैं। यहां हर इंच पर ताला लगा है और ज्यादातर पर श्रद्धालुओं का नाम लिखा है।
श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर मे लगे हर एक ताले में लोगों की मन्नतें हैं। वहीं जब लोगों की मन्नतें पूरी हो जाती हैं तो लोग अपने ताले यहां से खोलकर ले जाते हैं। यह मंदिर ताले वाले महादेव के नाम से पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
मान्यता है कि महादेव ही यहां लगे तालों के संरक्षक हैं और वे ही मान्यता पूरी करते हैं। मंदिर के महंत का दावा है कि यहां लगभग 50,000 ताले लगे हुए हैं। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक गिनती नहीं है और इस मंदिर का जुड़ाव नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर से है।
कुछ श्रद्धालु चाबी के साथ ही ताला छोड़ जाते हैं। ऐसे ताले मन्नत या इच्छापूर्ति के लिए नहीं बल्कि भगवान शिव के श्रृंगार के लिए चढ़ाए जाते हैं। दूर-दराज के इलाकों या विदेश में रहने वाले श्रद्धालु अपने नाम से ताला लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
श्री नाथेश्वर महादेव मंदिर के महंत का कहना है की, “हमारे यहां प्रतिदिन 100 से 150 ताले लगते हैं। हिंदुस्तान का दो-चार स्टेट बचा होगा इस मंदिर में ताले लगने के लिए। दो दूसरे देश का एक थाईलैंड का, दो यूके का, एक लंदन के ताले की भी बात हो रही है ऑनलाइन लगाने के लिए। दो विदेशी कंट्री का, बाकी हिंदुस्तान का दो-चार स्टेट बचा होगा इस मंदिर में ताला लगाने के लिए।”